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शरीर की इम्युनिटी बढ़ता है मटके का पानी
आयुर्वेदाचार्य डॉ पांडेय बताते हैं कि आयुर्वेद में तथा कई शोधों से यह पता चला है कि मटके का पानी किसी अमृत से कम नहीं है। मटके का ठंडा पानी शरीर के लिए औषधि के समान नहीं है। मटके का ठंडा पानी शरीर की इम्युनिटी मजबूत करता है, जिससे किसी भी रोग से लड़ने में आपके शरीर को ताकत मिलती है। मटके का पानी शरीर में टेस्टोस्टरॉन का स्तर बढ़ाता है। इससे एसिडिटी जैसी दिक्कत दूर होने के साथ ही पाचन क्रिया दुरुस्त होती है और मटके का पानी गले को भी आराम पहुंचाता है।
आयुर्वेदाचार्य डॉ पांडेय बताते हैं कि गर्मी के महीने में लू की चपेट में आने पर आपको डॉक्टर, वैद्य के पास जाकर इलाज कराना पड़ता है। ग्लूकोज चढ़वाना पड़ता है। लेकिन, मटके का पानी पीने से ही लू आपके पास नहीं फटकेगा यानी मटके का पानी लू से बचाता है।
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घड़े के पानी से दूर होती है पेट की कब्जियत
आयुर्वेदाचार्य डॉ पांडेय बताते हैं कि मटके का पानी पीने से कब्जियत की समस्या जड़ से खत्म हो जाती है। मिट्टी के बर्तनों में रखे पानी में विटामिन और खनिज शरीर के अंदर ग्लूकोज के स्तर को बनाए रखने में मदद करता है। यह आपके शरीर को ठंडक प्रदान करता है। मिट्टी के घड़े की सतह में छोटे-छोटे पोर्स होते हैं, जिससे पानी की गर्मी खत्म हो जाती है और मटके में रखे पानी का तापमान कम होकर ठंडा हो जाता है।
आयुर्वेदाचार्य डॉ पांडेय बताते हैं मिट्टी से बने घड़े (मटके) का पानी पीने से मनुष्य की त्वचा में अपने आप निखार आ जाता है। मटके के पानी में जो सबसे अच्छा गुण है, वह यह है कि मटके का पानी पीने से शरीर में फोड़ा, फुंसी और कील, मुहासे नहीं निकलते। मटके का पानी पीने से त्वचा संबंधी कई बीमारियों से अपने आप छुटकारा मिल जाता है। चिकित्सक बताते हैं कि शरीर में दर्द और सूजन जैसी समस्याओं से जूझ रहे लोगों को मटके का पानी नियमित रूप से पीना चाहिए।
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(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गयी जानकरियां और सूचनाएं आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर रामनाथ पांडेय की जानकरियों पर आधारित हैं। patrika.com इनकी पुष्टि नहीं करता। इन पर अमल करने से पहले सम्बंधित विशेषज्ञ से सम्पर्क करें।)