इस बार के नवरात्र में देवी भक्तों के मंदिर से दूरी बनाए रखने और घरों में पूजा अर्चना करने के कारण फूल और प्रसाद का कारोबार चौपट हो गया है। फूल और प्रसाद (Phool or Prasad) के कारोबार से जुड़े कारोबारियों का चेहरा लटक गया है। कारण साफ है कि कोरोना के फैलते वायरस से दहशत में आए भक्तों के द्वारा देवी मंदिरों से बनाई दूरी के कारण फूल और प्रसाद का व्यवसाय लगभग ठप्प हो गया है, लेकिन कारोबार चलाने के लिए कुछ दुकानदारों ने होम डिलीवरी (Home Delivery) देना शुरू कर दिया है ,लेकिन फिर भी यह कारोबार घाटे का सौदा साबित हो रहा है।
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जिले के प्रसिद्ध लोहरामऊ दुर्गा मंदिर के पास फूल और प्रसाद के कारोबारी दुर्गा प्रसाद मोदनवाल को यह नहीं सूझ पा रहा है कि अब आखिर कौन सा कारोबार करें। वहीं पूजन सामग्री के कारोबारी मदनलाल कहते हैं कि पिछले एक साल से कोरोना की वजह से सारा कारोबार चौपट हो गया है। अब यह नहीं समझ में आ रहा है कि हम लोगों की रोजी -रोटी कैसे चलेगी। रामनयन माली बताते हैं कि हर साल प्रतिदिन करीब 30 से 40 किलो गेंदा और गुलाब के फूल बिक जाया करते थे, लेकिन अब सब चौपट हो गया है। वहीं नैना माता मंदिर के बगल मेवा, सुहाग की वस्तुएं और चुनरी आदि बेचने वाले घनश्याम ने कहा कि मेरे पास जो पूंजी थी ,उसे नवरात्र के पहले सामग्री खरीदने में लगा दी। अब जब दुकान से बिक्री नहीं हो रही है तो पूरा परिवार हताश है।