इंदिरा गांधी की रिहाई के लिए 27 साल के देवेंद्र पांडेय ने एक और कांग्रेसी कार्यकर्ता भोला पांडे (bhola pandey ballia) के साथ मिलकर एक खतरनाक प्लान बना डाला। उन्होंने फिल्मी स्टाइल में इंडियन एयरलाइंस के विमान को हाईजैक (1978 plane hijack india) कर लिया। बताया जाता कि इन दोनों ने क्रिकेट बॉल को रुमाल से ढककर उसे बम बताते हुए प्लेन हाईजैक कर लिया और दिल्ली जाने वाले प्लेन को वाराणसी ले गए। उस वक्त प्लेन में 132 यात्री सवार थे।
प्लेन हाईजेक की सूचना से देश में हड़कंप मच गया। तत्कालीन उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रामनरेश यादव से बातचीत के बाद इन दोनों ने विमान को छोड़ा। इन दोनों ने यात्रियों को छोड़ने के लिए तीन शर्तें रखी थीं। पहली शर्त थी कि इंदिरा गांधी को रिहा किया जाए। दूसरी शर्त के मुताबक, इंदिरा गांधी और संजय गांधी के खिलाफ लगे सारे आरोप खत्म किए जाएं। इनकी तीसरी मांग थी कि इंदिरा गांधी को गिरफ्तार करने वाली केंद्र की जनता पार्टी की सरकार इस्तीफा दे।
प्लेन हाईजेक के मामले में देवेंद्र पांडे और भोला पांडे पर मुकदमा भी दर्ज किया गया। देवन्द्र पांडेय को इस मामले में 9 महीने 28 दिन जेल में भी रहना पड़ा था। देश में जब फिर से इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी, इन पर से मुकदमा वापस ले लिया गया।
प्लेन हाईजैक की घटना के बाद ये दोनों नेता कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के सम्पर्क में आ गए थे। 1980 के विधानसभा चुनाव में इंदिरा गांधी ने देवेंद्र को जयसिंहपुर (जो अब सदर विधानसभा क्षेत्र है) विधानसभा क्षेत्र से तो भोला यादव सुल्तानपुर से टिकट दिया। इंदिरा गांधी के मौत के बाद भी देवेंद्र पांडेय को 1985 और 1989 में विधानसभा का टिकट दिया गया।