सुकमा जिले के तुमलपाड़ गांव में यह नया पुलिस कैंप स्थापित करने के लिए बस्तर पुलिस को 40 साल का लंबा समय लगा है। इस कैंप के उद्घाटन के दौरान सुकमा एसपी किरण चव्हाण भी मौके पर मौजूद थीं। यह कदम न सिर्फ नक्सलियों के खिलाफ सुरक्षा बलों की कार्रवाई को मजबूत करेगा, बल्कि इलाके के ग्रामीणों के लिए भी स्वास्थ्य सेवाओं और सरकारी योजनाओं का लाभ सुनिश्चित करेगा।
नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन की तैयारी
नक्सली कमांडर हिड़मा पर
छत्तीसगढ़ सरकार 30 लाख, आंध्र प्रदेश ने 25 लाख, तेलंगाना ने 30 लाख और उड़ीसा ने 20 लाख रूपए का इनाम घोषित किया है। हिड़मा पर कुल 1.05 करोड़ रुपये का इनाम रखा गया है। चार राज्यों की पुलिस लंबा समय से उसे पकड़ने की कोशिश कर रही है, और यह नया पुलिस कैंप हिड़मा और उसके जैसे अन्य बड़े नक्सल नेताओं के खिलाफ ऑपरेशनों को और प्रभावी बनाएगा।
हिड़मा के अलावा, नक्सली कमांडर बारसे देवा, जो टेकलगुड़ेम-2 में हुए हमले का मास्टरमाइंड बताया जाता है, भी इसी क्षेत्र में सक्रिय है। इन प्रमुख नक्सलियों और उनके सहयोगियों को लक्षित करने के लिए अब तुमलपाड़ गांव में स्थापित पुलिस कैम्प से एंटी नक्सल ऑपरेशन लॉन्च किया जाएगा।
नक्सलियों का सुरक्षित गढ़
बीजापुर और सुकमा जिलों का यह सरहदी इलाका नक्सलियों का एक सुरक्षित ठिकाना रहा है, जहां सुरक्षा बलों के लिए पहुंचना हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। हाल तक, यहां पुलिस कैंप स्थापित करने के बारे में सोचा भी नहीं जा सकता था, लेकिन अब यह कार्य सफलता से पूरा हुआ है। इस क्षेत्र तक पहुंचने के लिए कई सुरक्षा जवानों ने अपनी शहादत दी है।
नक्सलवाद के खिलाफ मजबूत कदम
इस नए पुलिस कैम्प का उद्घाटन न केवल सुरक्षा बलों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि यह बस्तर क्षेत्र में नक्सलवाद के खिलाफ एक मजबूत और निर्णायक कदम भी साबित हो सकता है। इस इलाके में कैंप खोले जाने से
नक्सलवाद के सफाए और शांति स्थापना की दिशा में एक नई उम्मीद जगी है। यह नया पुलिस कैंप स्थानीय लोगों के लिए भी बड़ी राहत का संकेत है। अब ग्रामीणों को स्वास्थ्य सेवाओं के साथ योजनाओं की पहुंच भी इस इलाके तक बढ़ेगी।