एक हजार नक्सलियों के बीच फंसे थे 150 जवान
हमले में बचे जवानों ने बताया था करीब 1 हजार नक्सलियों ने उन जवानों को घेर लिया था।दरअसल 5 अप्रैल को चिंतलनार सीआरपीएफ कैंप से करीब 150 जवान जंगल में सर्चिंग के लिए निकले हुए थे। सभी जवान घने जंगल में कई किलोमीटर चलने के बाद जब वापस लौट रहे थे तभी 6 अप्रैल की सुबह करीब 6 बजे ये भीषण मुठभेड़ हुई। नक्सलियों ने बड़ी चालाकी से ताड़मेटला और चिंतलनार के बीच सड़क पर लैंडमाइन बीछा रखा था और बीच में पड़ने वाली छोटी पुलिया को भी बम से उड़ा दिया था।इस मुठभेड़ में जवानों ने शुरुआत में नक्सलियों को अच्छा जवाब दिया और 8 बड़े नक्सलियों को मार गिराया था लेकिन पास की पहाड़ी से शुरू हुई ताबड़तोड़ गोलीबारी में जवान बुरी तरह घिर गए और कई जवान शहीद हुए तो कई गंभीर रूप से घायल।
कुख्यात बस्तर में अब तक का सबसे बड़ा हमला
नक्सलियों का शुरू में जोर वन अधिकार, जल,जंगल की लड़ाई के लिए आदिवासियों को लामबंद करने पर रहा। वे वन कर्मियों की पिटाई करते लेकिन जब जनता का समर्थन मिलने लगा तो उनका खूनी खेल शुरू हुआ। नक्सलियों ने पहली बड़ी वारदात बीजापुर जिले के तर्रेम में की थी। ब्लास्ट में जवानों की हत्या की। बस्तर में इसके बाद नक्सल हमलों का सिलसिला शुरू हुआ जो अब तक जारी है।
सलवा जुड़ूम का आतंक
2005 में सलवा जुड़ूम शुरू होने के बाद तो नक्सल हमलों की बाढ़ आ गई। उन्होंने जनता पर भी हमले किए। 2006 में एर्राबोर कैंप पर हमला कर 35 आदिवासियों को मार दिया। इसी साल सलवा जुड़ूम की रैली से लौट रहे ग्रामीणों की ट्रक उड़ा दी जिसमें 25 मारे गए। इसी दौरान उपलमेटा में हमला कर 22 जवानों की हत्या कर दी। सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के बंडा इलाके में नगा फोर्स की गाड़ी उड़ा दी जिसमें 14 जवान मारे गए। 2008 में ही बैलाडीला की हिरोली माइंस पर हमला कर सीआईएसएफ के आठ जवानों की हत्या कर 20 टन बारूद लूट ले गए। छुटपुट घटनाएं तो रोज हो रही हैं।
झीरम घाटी कांड
वर्ष 2013 में उन्होंने अब तक का सबसे बड़ा हमला राजनीतिक दल कांग्रेस पर किया। झीरम घाट में कांग्रेस के काफिले को एंबुश में फंसाया। इस हमले में 31 लोगों की मौत हुई जिनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्याचरण शुक्ला, तत्कालीन पीसीसी अध्यक्ष नंदकुमार पटेल, पूर्व मंत्री महेंद्र कर्मा शामिल थे।
हाल ही में नेता और कई जवान भी हुए शहीद
पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान उन्होंने दंतेवाड़ा के भाजपा विधायक भीमा मंडावी और उनके चार सुरक्षाकर्मियों की हत्या कर दी। 24 अप्रैल 2017 को सुकमा जिले के बुरकापाल गांव में सीआरपीएफ की टीम पर हमला किया जिसमें 25 जवान शहीद हुए थे। 2018 में भेज्जी में फोर्स की गाड़ी को विस्फोट से उड़ाया जिसमें नौ जवान शहीद हुए।