scriptसरकार न खुद खरीद रही ना ही दूसरों को खरीदने दे रही है धान, मजबूरन सड़क पर फेंक कर चले गए किसान | Farmers upset over delay in paddy purchase BY Chhattisgarh Gov | Patrika News
सुकमा

सरकार न खुद खरीद रही ना ही दूसरों को खरीदने दे रही है धान, मजबूरन सड़क पर फेंक कर चले गए किसान

जिला प्रशासन के इस कड़े रुख से किसानों के साथ साथ व्यापारियों में भी रोष जो आज छिंदगढ़ में बाजार की सामग्री नही खरीदने की बात कर रहे है व व्यापारियों ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन के इस रुख से नाराजगी जताते हुये एक दिवसीय हड़ताल की भी बात कही है।

सुकमाNov 21, 2019 / 03:13 pm

Karunakant Chaubey

padyy_farmers.jpg

सुकमा. सुकमा जिले में धान खरीदी को लेकर जिला प्रशासन कड़ा रुख अपना रही है। एसडीएम, तहसीलदार सहित कलक्टर भी धान खरीदी को लेकर बिचोलिये को धान नहीं खरीदने देने की ठान लिए है। राज्य सरकार धान खरीदी करने में देरी कर रही है व 2500 रुपये में धान खरीदी करने को लेकर अभी तक असमंजस में है।

लोकसभा और राज्यसभा में गूंजा छत्तीसगढ़ के धान खरीदी का मुद्दा, भाजपा ने लगाया किसानो से छल करने का आरोप

परंतु इन सभी कारणों से सुकमा जिले के छोटे .बड़े किसान सभी परेशान है जहां बस्तर के आदिवासी किसान धान, महुआ, टोरा, इमली, अमचूर, छोटे व्यापारियों को बेच कर अपनी जीविका चलाने में निर्भर रहते है वहीं जिला प्रशासन के इस कड़े रुख व राज्य सरकार की धान खरीदी में देरी की वजह से किसानों में रोष देखने को मिल रहा है। किसान अत्यधिक परेशान हो रहे हैं।

कड़े रुख को लेकर किसान परेशान

किसान बाजारों में छोटे पैमाने में अपनी सामग्री बेचना तो चाह रहा है। परंतु जिला प्रशासन की कड़ी कार्रवाई के डर से व्यापारी भी डरा हुआ है। जो किसान का धान नही ले रहा। जिससे छोटे किसानों को अपनी बेचने वाली सामग्रियों को वापस घर ले जाना पड़ रहा है।

विधायक भीमा मंडावी हत्याकांड की जांच का जिम्मा एनआईए को, राज्य शासन की अपील खारिज

जिला प्रशासन के इस कड़े रुख से किसानों के साथ साथ व्यापारियों में भी रोष जो आज छिंदगढ़ में बाजार की सामग्री नही खरीदने की बात कर रहे है व व्यापारियों ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन के इस रुख से नाराजगी जताते हुये एक दिवसीय हड़ताल की भी बात कही है।

बुधवार को सुकमा जिले के कोर्रा ग्राम पंचायत में भी बाजार भरता है। वहां भी व्यापारियों को जिला प्रशासन के कर्मचारियों ने धान खरीदी करने से रोक दिया है। जिसके कारण व्यापारी छोटे किसानों का धान लिए बिना बैरंग अपने अपने घर आ गए जिससे व्यापारियों व किसानों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है।

आवापल्ली में 208 क्विंटल अवैध धान किया जब्त

कलक्टर के निर्देशानुसार आज अनुविभागीय राजस्व अधिकारी हेमेन्द्र भुआर्य ने धान के अवैध भण्डारण के खिलाफ अभियान चलाकर आवापल्ली में 208 किवंटल अवैध धान जब्ती की कार्रवाई की है। कलक्टर ने धान के अवैध परिवहन तथा अवैध भण्डारण के खिलाफ लगातार सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। इस अवसर पर तहसीलदार सीताराम कंवर व मंडी उप निरीक्षक खाद्य निरीक्षक मौजूद थे।

भूपेश सरकार की जितनी भी निंदा की जाए कम है। बस्तर के आदिवासी छोटे पैमाने में बाजार में अपनी महुआ, इमली, धान ले जाकर व्यापारियों बेचता है और बाजार से अपनी दैनिक उपयोगी सामान जैसे तेल, हल्दी, मिर्ची आदि खरीदता है। जो 50 सालो से अधिक वर्षो से चला आ रहा है।

अजय चंद्राकर के बयान पर कांग्रेसी नेताओं ने ली चुटकी, एक ने सर्कस कहा तो दूसरे ने बताया जोकर

जिससे छोटे व्यापारियों को भी कुछ मुनाफा होता है व छोटे किसान भी अपनी कम मात्रा में सामग्री बेच कर अपने छोटी मोटी उपयोगी सामग्री बाजार से खरीदी करता है। परन्तु सरकार ने अब छोटे व्यापारियों व किसानों के पेट मे भी लात मारना चालू कर दिया है। परंतु चुप नही बैठेंगे। व्यापारी व किसान एक साथ है। सब मिलकर हक की लड़ाई लड़ेंगे।
-हूंगाराम मरकाम, जिलाध्यक्ष भाजपा

Hindi News / Sukma / सरकार न खुद खरीद रही ना ही दूसरों को खरीदने दे रही है धान, मजबूरन सड़क पर फेंक कर चले गए किसान

ट्रेंडिंग वीडियो