विश्वविद्यालय प्रशासन ने निर्णय लिया है कि खराब पड़ी बस को कम्प्यूटर वैन में बदल दिया जाएगा । यह फैसला रखरखाव और बिजली की झंझट से मुक्ति के लिए लिया है । विश्वविद्यालय ने जिन 5 गांवों को गोद लिया था उन गांवों में महिलाओं को ब्यूटी पार्लर तथा खराब हो चुके एलईडी बल्ब ठीक करने समेत कई प्रकार के प्रशिक्षण दिए गए हैं। अब उन गांवों के बच्चों को कम्प्यूटर सीखना का मौका मिलेगा ।
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विश्वविद्यालय प्रशासन ने जंगल रामलखना, जंगल बेलवार, जंगल अयोध्या प्रसाद, रायगंज और डुमरी खुर्द गांवों को गोद लिया है। जंगल रामलखना में द्रोण लैब भी है। विवि प्रशासन के मुताबिक इससे वहां के लोगों की आत्मनिर्भरता और जीवन शैली में बड़ा बदलाव आया है।एमएमएमयूटी कुलपति, प्रो. जेपी पांडेय के अनुसार एनएसएस द्वारा गोद लिए गए पांचों गांवों के बच्चों को हफ्ते में तीन-तीन दिन उनके गांव में जाकर प्रशिक्षण दिया जाएगा। एक पुरानी बेकार पड़ी बस की मरम्मत कराकर उसे कम्प्यूटर वैन बनाया जाएगा। वैन प्रतिदिन प्रशिक्षण के लिए जाएगी। सब ठीक रहा तो अगले महीने से प्रशिक्षण कार्यक्रम शुरू हो जाएगा।
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राज्यपाल ने गोद लेने के निर्देश दिए थे2019 में कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने एमएमएमयूटी में हुए दिक्षांत समारोह में कहा था कि विश्वविद्यालय 5 गरीब गांवों को गोद लेगा और कॉलेज 1 गांवों को गोद लेगा । उन गांवों के महिलाओं और बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के कुशल प्रशिक्षण दिया जाएगा । इसी के तहत एमएमएमयूटी ने 5 गांवों को गोद लिया था और अब उन गांवों के बच्चों को फ्री में कम्प्यूटर सीखने को मिलेगा ।