दो परीक्षाओं से नौकरी में देरी
सरकार का मानना है कि शिक्षक भर्ती के लिए दो परीक्षाओं के फार्मूले से बेरोजगारों की परेशानी बढ़ती है। तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को पहले रीट परीक्षा में सफल होने के बाद कर्मचारी चयन बोर्ड की मुख्य परीक्षा देनी होती है। दो परीक्षाओं की वजह से देरी से नौकरी मिलती है और जिसका असर स्कूलों की शिक्षण व्यवस्था पर पड़ रहा है।वन टाइम रीट से थोड़ी राहत
पिछली सरकार के समय तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की तैयारी करने वाले अभ्यर्थियों को वन टाइम रीट पास करने के जरिए थोड़ी राहत दी गई। इससे हर भर्ती के समय रीट देने से अभ्यर्थियों को अब मुक्ति मिल गई है। यदि सरकार की ओर से अब फिर से रीट के अंकों के आधार पर नौकरी दी जाती है तो अभ्यर्थियों को दुबारा से तैयारी करनी होगी।कई बार बदला तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती का फॉर्मूला
2003 में भर्ती का जिम्मा जिला परिषदों से आरपीएससी को दिया। 2004 में आरपीएससी ने पहली बार शिक्षक भर्ती कराई। 2009 में निशुल्क अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम लागू हुआ।राजकमल जाखड़, भर्ती मामलों के विशेषज्ञ, सीकर