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अब ट्विटर के भरोसे नहीं रहेंगे प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों के नर्सिंग कॉलेज

प्राचार्य-प्राध्यापक सहित प्रदेशभर में 305 नए पद हुए स्वीकृत

सागरFeb 29, 2024 / 11:10 pm

Murari Soni

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सागर. प्रदेश में मेडिकल कॉलेजों के अधीन चल रहे नर्सिंग कॉलेज में चिकित्सा शिक्षा विभाग ने 305 नए पद स्वीकृत किए हैं। सागर सहित भोपाल, जबलपुर, रीवा, ग्वालियर में मौजूद नर्सिंग कॉलेज में प्राचार्य-प्राध्यापक के पदों पर भर्तियां की जाएंगी। अभी तक मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग स्टाफ को शिक्षक बनाकर व्यवस्थाएं संभाली जा रहीं थीं। इस निर्णय से मेडिकल कॉलेजों में मरीजों की केयर और नर्सिंग कॉलेजों में छात्रों की शिक्षा में भी क्वालिटी बढ़ेगी। प्रदेशभर के मेडिकल कॉलेजों में मौजूद नर्सिंग कॉलेजों में अभी तक मेडिकल कॉलेज के नर्सिंग स्टाफ से ही कार्य कराया जा रहा था। मेडिकल कॉलेज का नर्सिंग स्टाफ इन कॉलेजों में नर्सिंग के छात्रों को पढ़ाने, परीक्षा व कोर्स पूरा कराने के कार्य में लगा था। चूंकि अधिकांश स्टाफ नर्सिंग पढ़ाने में लगा था और मेडिकल कॉलेजों में संख्या दर्ज होने के कारण इन पदों पर भर्तियां भी नहीं हो रहीं थीं। ऐसे में अब नर्सिंग कॉलेज में 305 पद सृजित हो जाने के बाद मेडिकल कॉलेजों में नर्सिंग स्टाफ वापिस मूल कार्य पर लौटेगा या उनके पद खाली होंगे तो भर्तियां भी हो सकेंगी। सबसे बड़ा फायदा नर्सिंग स्टूडेंट्स को होगा। इसके अलावा मेडिकल कॉलेजों में भी कुछ हद तक नर्सिंग स्टाफ की पूर्ति हो सकेगी।
5 कॉलेजों के लिए 305 पद सृजित-

प्राचार्य- 4

उप प्राचार्य- 5

प्राध्यापक- 33

सह प्राध्यापक- 43

सहायक प्राध्यापक- 48

ट्यूटर- 172

मेडिकल कॉलेजों के नर्सिंग कॉलेज में इन पद पर नियुक्तियां होंगी-
पद सागर भोपाल जबलपुर रीवा ग्वालियर

प्राचार्य 1 1 1 1 0

उप प्राचार्य 1 1 1 1 1

प्राध्यापक 5 7 7 7 7

सह प्राध्यापक 7 9 9 9 9
सहा. प्राध्यापक 9 10 9 11 9

ट्यूटर 38 32 35 36 31

नर्सिंग स्टाफ की है बेहद कमी-

बीएमसी में नर्सिंग स्टाफ की बेहद कमी है। जिससे न तो मरीजों की केयर ठीक से हो पा रही है और ना ही डॉक्टरों को सपोर्ट मिल रहा है। यहां 2015 से नर्सिंग स्टाफ की भर्तियां नहीं हुईं हैं और जब 2019 में नर्सिंग स्टाफ प्रमोशन के 55 पद पर भर्तियां निकालीं गईं थी तो बीएमसी के ही कुछ स्टाफ ने हाईकोर्ट में याचिका लगा दी थी। प्रमोशन के पदों के साथ-साथ 100 नए पदों पर भी स्टे है। 10-12 नर्सिंग स्टाफ नर्सिंग कॉलेज में ट्यूटर बना हुआ है। जो प्राचार्य, प्राध्यापक का कार्य संभाल रहे हैं। नर्सिंग कॉलेज के पद सृजित होने के बाद बीएमसी में कुछ हद तक नर्सिंग स्टाफ की पूर्ति होगी। यदि ट्यूटर वहीं के वहीं शिफ्ट भी हो गए तो नर्सिंग स्टाफ के बीएमसी में नए पद खाली हो जाएंगे जिससे भर्ती की जा सकती है।
नहीं हो रहा एनएमसी की गाइड लाइन का पालन-

बीएमसी में मौजूद नर्सिंग स्टाफ में से भी करीब 30 प्रतिशत स्टाफ कुछ न कुछ कारण से ड्यूटी पर नहीं रहता। हालात ये बनते हैं कि स्टाफ की कमी से एनएमसी की गाइड लाइन का पालन नहीं हो पाता। जनरल वार्ड में 8 मरीजों पर 1 नर्सिंग स्टाफ होना चाहिए जो कि 30-50 मरीज पर 1 है। आइसीयू-पीआइसीयू में 3 मरीजों पर 1 स्टाफ की गाइडलाइन लेकिन 15 पर 1 है। क्रिटिकल केयर में प्रत्येक मरीज के लिए 1 नर्सिंग स्टाफ हो लेकिन 10 मरीजों पर 1 है। एनएमसी की गाइड लाइन अनुसार बीएमसी में करीब 330 नर्सिंग स्टाफ की जरूर लेकिन मात्र 210 हैं।
नर्सिंग कॉलेज में सीटें बढ़ाई लेकिन पद सृजित नहीं हुए-

बीएमसी में करीब 2018 से संचालित हो रहे नर्सिंग कॉलेज में शुरूआत में नर्सिंग के सीटों की संख्या 30 थी जो पहले 60 हुई और 2022-23 में बढकऱ 120 हो गई। कॉलेज में एमएससी नर्सिंग की सीटें भी 20 हुईं। सीटें बढ़ीं लेकिन यहां पद सृजित नहीं किए गए। कॉलेज में बीएमसी के नर्सिंग स्टाफ को ही प्राचार्य, प्राध्यापक की जिम्मेदारी देकर कार्य कराया गया, बदले में नर्सिंग स्टूडेंट को डॉक्टर्स के सपोर्ट की जिम्मेदारी दी गई और किसी तरह व्यवस्थाएं चल रहीं थीं।
-नर्सिंग कॉलेज में नए पद सृजित कर दिए गए हैं, इससे बीएमसी में नर्सिंग स्टाफ की कमी कुछ हद तक पूर्ति की जा सकेगी। नर्सिंग कॉलेज संभालने प्राचार्य-प्राध्यापकों की नियुक्तियां होंगी तो बीएमसी के ट्यूटर वापिस कार्य पर लौटेंगे। नर्सिंग स्टाफ से मरीजों की केयर ज्यादा होगी। अभी नर्सिंग कॉलेज में सीटें भी बढकऱ 120 पहुंच गई हैं।
डॉ. आरएस वर्मा, डीन बीएमसी।

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