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‘बैंक के वसूली एजेंट मतलब गुंडों का समूह’, Supreme Court ने क्यों बोली ऐसी बात?

Supreme Court Of India: सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऑफ इंडिया (BOI) की रिकवरी एजेंट फर्म को ‘गुंडों का समूह’ बताते हुए कहा है कि उसने लोन की राशि के एकमुश्त निपटान के बावजूद एक व्यक्ति से जब्त वाहन वापस नहीं किया।

नई दिल्लीSep 02, 2024 / 12:11 pm

Akash Sharma

supreme court of India

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Supreme Court Of India: सुप्रीम कोर्ट ने बैंक ऑफ इंडिया (BOI) की रिकवरी एजेंट फर्म को ‘गुंडों का समूह’ बताते हुए कहा है कि उसने लोन की राशि के एकमुश्त निपटान के बावजूद एक व्यक्ति से जब्त वाहन वापस नहीं किया। इस मामले में शीर्ष न्यायालय ने पश्चिम बंगाल पुलिस को दो माह में कंपनी के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है। न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की पीठ ने कोलकाता में बस चलाने के लिए 15.15 लाख रुपए का लोन लेने वाले देबाशीष बोसु रॉय चौधरी को मुआवजा देने के भी निर्देश दिए। इसके साथ ही पीठ ने बैंक ऑफ इंडिया को रिकवरी एजेंट से राशि वसूलने के निर्देश दिए।

क्या था मामला

याचिकाकर्ता ने जनवरी 2018 से मासिक किस्त का भुगतान करने में चूक करना शुरू कर दिया। बैंक ने रिकवरी फर्म की सेवाएं लीं। फर्म ने वाहन जब्त कर लिया। बाद में बैंक और याचिकाकर्ता के बीच समझौता हो गया और 1.80 लाख रुपए की राशि लौटा दी। इसके बाद भी वाहन नहीं लौटाया गया। बहुत प्रयासों के बाद वाहन बरामद हुआ तो उसका चेसिस और इंजन नंबर बदल दिया गया और कुछ स्पेयर पाट्र्स भी हटा दिए थे।

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