नए आपराधिक कानून के तहत दिल्ली में पहली FIR दर्ज
रविवार रात गश्त पर तैनात एक पुलिस अधिकारी ने सड़क पर पानी की बोतलें और गुटखा बेचते एक रेहड़ी-पटरी वाले को देखा, जिसके बाद विक्रेता के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। उसकी अस्थायी दुकान ने सड़क को बाधित कर दिया था और इसे हटाने के बार-बार अनुरोध के बावजूद उसने इसका पालन नहीं किया। बाद में एक कार्यालय ने एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की। भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 के साथ बीएनएस देश में आपराधिक प्रक्रिया और साक्ष्य को नियंत्रित करने वाले लंबे समय से चले आ रहे ब्रिटिश युग के कानूनों की जगह लेता है।मुख्य रूप से क्या बदला
1- भारतीय दंड संहिता (आइपीसी) अब भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) होगी। आइपीसी में 511 धाराएं थी लेकिन भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं होंगी। धाराओं का क्रम बदला गया है।2- सीआरपीसी (दंड प्रक्रिया संहिता) अब भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) कहलाएगी। सीआरपीसी में 484 धाराएं थीं। नए कानून में अब इसमें 531 धाराएं होंगी।
3- भारतीय साक्ष्य अधिनियम, 1872 अब भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए), 2023 के नाम से जाना जाएगा। पुराने कानून में 167 प्रावधान थे। नए में 170 हो गए हैं। डिजिटल सबूतों का महत्त्व बढ़ाया गया है।
धाराओं में ये होगा बदलाव
महिला संबंधी अपराध
आइपीसी- बीएनएस354- 74
354ए- 75
354बी- 76
354सी- 77
354डी- 78
509- 79
चोरी संबंधी अपराध
आईपीसी-बीएनएस379- 303(2)
411- 317(2)
457- 331(4)
380- 305
लूट संबंधी अपराध
आइपीसी-बीएनएस392- 309(4)
393- 309(5)
394- 309(6)
हत्या-आत्महत्या संबंधी अपराध
आइपीसी-बीएनएस302- 103(1)
304(बी)- 80(2)
306- 108
307- 109
304- 105
308- 110
धोखाधड़़ी संबंधी अपराध
आइपीसी-बीएनएस419- 319(2)
420- 318(4)
466- 337
467- 338
468- 336(3)
471- 340(2)