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9वीं की स्टूडेंट को अचानक पेट में हुआ दर्द, अल्ट्रासाउंड में निकली ये चीज, डॉक्टर हुए हैरान

Haryana: गुरुग्राम के मणिपाल अस्पताल के डॉक्टरों ने 13 वर्षीय लड़की के दाएं अंडाशय से 8.5 किलोग्राम का एक बड़ा ट्यूमर निकालकर उसे जीवनदान दिया है।

गुडगाँवJun 25, 2024 / 04:16 pm

Prashant Tiwari

गुरुग्राम के मणिपाल अस्पताल के डॉक्टरों ने 13 वर्षीय लड़की के दाएं अंडाशय से 8.5 किलोग्राम का एक बड़ा ट्यूमर निकालकर उसे जीवनदान दिया है। गुरुग्राम की रहने वाली 9वीं कक्षा की छात्रा को पेट में सूजन और हल्की तकलीफ के बाद गुरुग्राम के मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। लड़की इस समस्या से पिछले तीन माह से पीड़ित थी। इन सबसे लड़की को भूख न लगने के साथ अपनी दैनिक गतिविधियों में परेशानी आ रही थी।
 tumer in 9th class student, stomock,News,National News, gurugram news, haryana news गुरुग्राम के मणिपाल अस्पताल के डॉक्टरों ने 13 वर्षीय लड़की के दाएं अंडाशय से 8.5 किलोग्राम का एक बड़ा ट्यूमर निकालकर उसे जीवनदान दिया है। गुरुग्राम की रहने वाली 9वीं कक्षा की छात्रा को पेट में सूजन और हल्की तकलीफ के बाद गुरुग्राम के मणिपाल अस्पताल में भर्ती कराया गया। लड़की इस समस्या से पिछले तीन माह से पीड़ित थी। इन सबसे लड़की को भूख न लगने के साथ अपनी दैनिक गतिविधियों में परेशानी आ रही थी। शुरुआती अल्ट्रासाउंड में पता चला कि उसके पेट के अधिकांश हिस्से में एक ट्यूमर है। सीटी स्कैन से उसके दाहिने अंडाशय में 8.5 किलोग्राम के एक बड़े ट्यूमर का पता चला। प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शर्मिला सोलंकी के नेतृत्व में डॉक्टरों ने एक एक्सप्लोरेटरी लैपरोटोमी का विकल्प चुना। सामान्य एनेस्थीसिया के तहत की जाने वाली यह सर्जिकल प्रक्रिया पेट के अंगों की प्रत्यक्ष जांच करने तथा रोग की सीमा और फैलाव का निर्धारण करने के लिए आवश्यक है। ऑपरेशन के दौरान दाहिनी ओर सल्पिंगो-ओओफोरेक्टॉमी नामक एक विशिष्ट प्रक्रिया भी की गई, जिसमें अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को निकाला गया। डॉ. शर्मिला ने आईएएनएस को बताया, ''यह कदम ट्यूमर के अंदर छिपे हुए कारण को जानने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण था कि किसी भी रोगग्रस्त टिशू का प्रभावी ढंग से संभाला जा सके।'' इस प्रक्रिया से लक्षणों में भी कमी आई और गांठ से जुड़ी जटिलताओं को रोका जा सका। उल्लेखनीय रूप से, बायीं ओर का अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब, साथ ही उसका लीवर और पेट की बाकी कैविटी सामान्य पाई गई। डॉक्टर ने कहा, ''लड़की स्वस्थ है। छह सप्ताह पहले उसकी सफल सर्जरी की गई थी। वहीं हाल ही में किए गए पीईटी सीटी स्कैन में बीमारी के कोई लक्षण नजर नहीं आए। उसकी रिकवरी बिना किसी परेशानी के हुई। वह अपनी रिकवरी के लिए नियमित रूप से डॉक्टरों की निगरानी में है।'' महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता और हार्मोनल संतुलन के लिए ओवरी के स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है। स्वस्थ अंडाशय को बढ़ावा देने के लिए डॉ. शर्मिला ने महिलाओं को एंटीऑक्सीडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर संतुलित आहार लेने, नियमित शारीरिक गतिविधि में शामिल होने, धूम्रपान और अत्यधिक शराब के सेवन से बचने, तनाव के स्तर को नियंत्रित करने और पर्याप्त नींद लेने जैसी स्वस्थ आदतें अपनाने की सलाह दी। इसके अलावा उन्होंने महिलाओं को किसी भी संभावित समस्या का जल्द पता लगाने और तुरंत चिकित्सा सहायता लेने के साथ मासिक धर्म चक्र में किसी भी असामान्य लक्षण या बदलाव का अनुभव होने पर जांच करवाने की आवश्यकता पर बल दिया है। Doctor found 8.5 kg tumer in stomach 9th class student in haryana
लड़की के भूख न लगने के बाद अस्पताल ले गए परिजन

लड़की को भूख न लगने की शिकायत पर जब परिजन अस्पताल ले गए तो शुरुआती अल्ट्रासाउंड में पता चला कि उसके पेट के अधिकांश हिस्से में एक ट्यूमर है। सीटी स्कैन से उसके दाहिने अंडाशय में 8.5 किलोग्राम के एक बड़े ट्यूमर का पता चला। प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शर्मिला सोलंकी के नेतृत्व में डॉक्टरों ने एक एक्सप्लोरेटरी लैपरोटोमी का विकल्प चुना। सामान्य एनेस्थीसिया के तहत की जाने वाली यह सर्जिकल प्रक्रिया पेट के अंगों की प्रत्यक्ष जांच करने तथा रोग की सीमा और फैलाव का निर्धारण करने के लिए आवश्यक है। ऑपरेशन के दौरान दाहिनी ओर सल्पिंगो-ओओफोरेक्टॉमी नामक एक विशिष्ट प्रक्रिया भी की गई, जिसमें अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब को निकाला गया।
ऑपरेशन करना मुश्किल था

ऑपरेशन के बाद डॉ. शर्मिला ने बताया कि यह कदम ट्यूमर के अंदर छिपे हुए कारण को जानने और यह सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण था कि किसी भी रोगग्रस्त टिशू का प्रभावी ढंग से संभाला जा सके।”इस प्रक्रिया से लक्षणों में भी कमी आई और गांठ से जुड़ी जटिलताओं को रोका जा सका। उल्लेखनीय रूप से, बायीं ओर का अंडाशय और फैलोपियन ट्यूब, साथ ही उसका लीवर और पेट की बाकी कैविटी सामान्य पाई गई। जिसके बाद छह सप्ताह पहले उसकी सफल सर्जरी की गई थी। वहीं हाल ही में किए गए पीईटी सीटी स्कैन में बीमारी के कोई लक्षण नजर नहीं आए। उसकी रिकवरी बिना किसी परेशानी के हुई। वह अपनी रिकवरी के लिए नियमित रूप से डॉक्टरों की निगरानी में है और अभी स्वस्थ है। बता दें कि महिलाओं के समग्र स्वास्थ्य, प्रजनन क्षमता और हार्मोनल संतुलन के लिए ओवरी के स्वास्थ्य को बनाए रखना महत्वपूर्ण है।
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