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‘बाहुबली’ की ‘देवसेना’ की भावनाएं हुई बेकाबू, जानिए नॉन स्टॉप हंसने की बीमारी कितनी है खतरनाक

अनुष्का शेट्टी स्यूडोबुलबार एफेक्ट नाम के न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की चपेट में हैं। वह बता चुकी हैं कि अनुष्का शेट्टी ने बताया कि वह देर तक हंसते हुए फर्श पर ले जाती हैं।

नई दिल्लीJun 25, 2024 / 08:12 am

Anand Mani Tripathi

खिलखिलाकर हंसने को सेहत के लिए फायदेमंद माना जाता है, लेकिन फिल्म ‘बाहुबली’ में देवसेना का किरदार निभाने वाली अभिनेत्री अनुष्का शेट्टी (42) के लिए हंसना सिरदर्द बन गया है। वह दुर्लभ बीमारी स्यूडोबुलबार एफेक्ट (पीबीए) की चपेट में हैं। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, ‘मुझे हंसने की बीमारी है। हंसना शुरू करती हूं तो 15-20 मिनट तक हंसती चली जाती हूं। हंसी पर काबू नहीं कर पाती। कॉमेडी सीन देखते या शूट करते समय मैं हंसते हुए फर्श पर लोटपोट हो जाती हूं। इसके कारण कई बार शूटिंग रोकनी पड़ी।’

कितना खतरनाक है स्यूडोबुलबार एफेक्ट

डॉक्टरों का कहना है कि स्यूडोबुलबार एफेक्ट बीमारी में व्यक्ति रोने, हंसने या अन्य तरह से अनियंत्रित भावनाओं का प्रदर्शन करता है। यह एक तरह का न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। चूंकि यह बीमारी मस्तिष्क क्षति और तंत्रिका संबंधी हालात के कारण होती है, इसलिए इसकी रोकथाम आसान नहीं है। अक्सर इसका सही निदान नहीं हो पाता। मस्तिष्क की चोट, अल्जाइमर, पार्किंसंस, मल्टीपल स्क्लेरोसिस या स्ट्रोक के बाद व्यक्ति में स्यूडोबुलबार एफेक्ट का खतरा बढ़ जाता है। इसके शिकार लोगों में अक्सर अवसाद के लक्षण देखे जाते हैं। हालांकि स्यूडोबुलबार एफेक्ट का कोई इलाज नहीं है, लेकिन कुछ दवाएं हंसने या रोने की आवृत्ति को कम कर सकती हैं।

हल्के-फुल्के मजाक पर भी भावनाएं बेकाबू

डॉक्टरों के मुताबिक रोने-हंसने जैसी भावनाओं पर काबू न रहने के कारण रोजमर्रा के कामों में बाधा आ सकती है। बार-बार और अनैच्छिक रूप से रोना या हंसना स्यूडोबुलबार एफेक्ट का प्राथमिक संकेत माना जाता है। हालांकि हंसी के मुकाबले रोने की भावना इस बीमारी में ज्यादा देखी जाती है। इसके मरीज कई बार ऐसी हल्की-फुल्की मजाकिया टिप्पणी पर भी बेकाबू होकर हंसने लगते हैं, जिस पर दूसरों को हंसी नहीं आती।

महंगी अभिनेत्री, तीन बार नेशनल अवॉर्ड

अनुष्का शेट्टी की गिनती दक्षिण में सबसे ज्यादा मेहनताना पाने वाली अभिनेत्रियों में होती है। उन्होंने 2005 में तेलुगू फिल्म ‘सुपर’ से कॅरियर की शुरुआत की। वह करीब 50 तमिल और तेलुगू फिल्मों में काम कर चुकी हैं। उन्हें तीन फिल्मों के लिए नेशनल अवॉर्ड से नवाजा गया। अनुष्का ने 2011 में ‘यूथ आइकन ऑफ साउथ इंडियन सिनेमा’ अवॉर्ड जीता था।

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