उदयपुर से हिमतनगर इलेक्ट्रीफिकेशन का कार्य चार खण्डों में चल रहा है। इसमें उदयपुर से खारवाचांदा के मध्य कार्य पूर्ण हो गया है। खारवाचांदा से बिछीवाड़ा के मध्य कार्य लगभग पूर्ण हो गया है और छोटे-मोटे कार्य ही शेष है। बिछीवाड़ा से शामलाजी का कार्य भी पूर्ण हो गया है और जल्द निरीक्षण प्रस्तावित है। फिलहाल शामलाजी हिमतनगर के मध्य कार्य चल रहा है और करीब-करीब दो से ढाई माह का समय और लगेगा। यह कार्य पूर्ण होने के साथ उच्चाधिकारियों का निरीक्षण होगा और पूरे ट्रेक पर इलेक्ट्रीक इंजन दौड़ेगा।
Indian Railways News : रेलवे के इस कदम से यात्रियों की हो रही बल्ले-बल्ले, आराम से कट रहा सफर
मीटर लाइन से बढ़ा था कारवांदक्षिणी राजस्थान के डूंगरपुर जिले में ट्रेन की सौगात 11 जनवरी 1961 से मिली। मीटर गेज लाइन पर उदयपुर से अहमदाबाद तक भाप इंजन से ट्रेन चला करती थी। यह काफी समय खपाने वाला सफर हुआ करता था। इसके बाद 2008 में तत्कालीन केन्द्र सरकार ने इस लाइन को ब्राडगेज में तब्दील करने की घोषणा की। लेकिन, इसके बाद इस लाइन ने वनवास भोगा और करीब डेढ़ दशक के बाद ब्राडगेज का कार्य पूर्ण हुआ। इसके बाद उदयपुर अहमदाबाद ब्राण्डगेज लाइन पर उदयपुर से असारवा ट्रेन शुरू हुई। तीन वर्ष के दरयान वागड़ और मेवाड गुजरात के साथ ही मालवा सहित अन्य राज्यों से भी जुड़ा। समय की मांग को देखते हुए इस लाइन पर इन दिनों इलेक्ट्रीफिकेशन का कार्य चल रहा है।