केन्द्रीय वस्तु एवं सेवाकर (सीजीएसटी) आयुक्तालय अलवर के प्रधान आयुक्त जयप्रकाश सिंह ने बताया कि नेक्सा एवरग्रीन धोलेरा ग्रुप सीकर के बारे में लगभग 2700 करोड़ रुपए की लोगों से धोखाधड़ी व निवेश की जानकारी मिली। जिस पर उनके मार्गदर्शन में अपर आयुक्त वसंत गढ़वाल के नेतृत्व में जांच शुरू की गई। इस ग्रुप ने लोगों को लोक लुभावने सपने दिखाकर जमीन इत्यादि का नाम लेकर निवेश करवाया और बड़े रिटर्न्स के सपने दिखा। ग्रुप ने लोगों को कमीशन / ईनाम का लालच देकर भी निवेश कराया।
साथ ही ग्रुप ने इस ग्रुप ने लगभग 1000 करोड़ रुपए राजस्थान, गुजरात और दिल्ली में लगभग 30 जीएसटी फर्म बनाकर निवेश कराया और कोई जीएसटी देयता अदा नहीं की। 25 सितम्बर को सीजीएसटी एक्ट के तहत सीजीएसटी आयुक्तालय जयपुर के अधिकारियों के साथ इस ग्रुप से जुड़े लोगों के ठिकानों पर जांच की गई। जिसमें अभी तक यह पाया गया है कि लगभग 2700 करोड़ रुपए नेक्सा एवरग्रीन धोलेरा ग्रुप सीकर में लोगों द्वारा निवेश किया गया और इस ग्रुप जारी है।
5 प्रतिशत प्रशासनिक शुल्क के रूप में लगभग 140 करोड़ रुपए वसूल किए। साथ ही पाया गया कि उन लोगों को कमीशन/ईनाम के रूप में दे दिए। जिन्होंने इस कार्य में सहयोग किया और लोगों से निवेश कराया। इस ग्रुप द्वारा किया गया यह कार्य जीएसटी के दायरे में आता है। और अभी तक की जांच में लगभग 1140 करोड़ रुपए की जीएसटी दायरे की अघोषित आय का पता चला है। जिस पर लगभग 205 करोड़ रुपप की जीएसटी कर चोरी इस ग्रुप द्वारा की गई है।