साध्वी उदितयशा ने कहा कि विसर्जन की परंपरा तेरापंथ धर्मसंघ में आचार्य भिक्षु से चली आ रही है। संग्रह प्रवृत्ति को छोड़ विसर्जन करने वाला व्यक्ति ही महान होता है। अहंकार, आसक्ति, ममत्व, पद आदि का यथासमय विसर्जन होना चाहिए। इस अवसर पर साध्वी ने डिजिटल डिटॉक्स की बात कहते हुए उपस्थित सभी श्रावक श्राविकाओं को महीने में एक दिन मोबाइल के सीमित उपयोग का संकल्प करवाया। संचालन संयोजिका आशा लोढ़ा एवं सह-संयोजिका ममता सिंघवी ने किया। आभार मंत्री पदमा मेहर ने जताया।