पिछले साल दो अक्टूबर को गांधी जयंती के उपलक्ष में प्रदेशभर में प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरूआत की गई थी तब यह दावा किया गया था कि जोनल प्लान की प्रक्रिया होने के बाद लोगों को अधिकाधिक पट्टे बनाए जाएंगे। zonal plan
लेकिन जोनल प्लान नहीं होने के कारण राज्य सरकार ने आनन फानन में जयपुर की एक ठेका फर्म एमआईएनटी कंपनी से श्रीगंगानगर शहर का जोनल प्लान बनाने के लिए अधिकृत किया। zonal plan प्रशासन शहरों के संग अभियान की शुरुआत पांच महीने हो चुकी है लेकिन जोनल प्लान की प्रक्रिया अब तक पूरी नहीं हो पाई हैं।
हालांकि प्रस्तावित जोनल प्लान पर करीब एक सौ से अधिक आपत्तियां आ चुकी हैं। इन आपतियों के निस्तारण के लिए अब नगर विकास न्यास प्रशासन ने राज्य सरकार के पास फाइल भिजवाई हैं। न्यास अधिकारियों की माने तो यह मंजूरी मिलने के बाद इसे लागू किया जा सकेगा। UIT Sri Ganganagar zonal plan Sri Ganganagar Municipal Development Trust Urban development department
जोनल प्लान की ठेका कंपनी एमआईएनटी कंपनी ने ड्रोन कैमरों से जोनल प्लान बनाने से अपने हाथ खींच लिए थे। Due to being a border area, drone cameras are not usedइस कंपनी का मानना था कि भारत-पाक अन्तरराष्ट्रीय सीमा के कारण ड्रोन कैमरे के इस्तेमाल पर प्रतिबंध हैं।
ड्रोन कैमरों से जोनल प्लान के दौरान यदि पाकिस्तान की रेंज में ड्रोन कैमरें आ गए तो उसे पाकिस्तानी सुरक्षा एजेसिंयां सतर्क हो जाएगी और उसी समय कैमरों को आसमान से ही उड़ा दिया जाएगा। कंपनी के इस तर्क पर राज्य सरकार ने ठेका कंपनी को सैटेलाइट इमेज से जोनल प्लान बनाने पर सहमति दी। इस कंपनी की अेार से प्लान की प्रक्रिया पूरी करने के बाद प्रस्तावित प्लान पर यूआईटी ने आपत्तियां मांगी।
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प्लान बनाने पर दो करोड़ रुपए का खर्चा
इस ठेका कंपनी को श्रीगंगानगर के नगर विकास न्यास और नगर परिषद एरिया में जोनल डवलपमेंट प्लान बनाने का ठेका पौने दो करोड़ रुपए का बजट खर्च कर मिलेगा। इसका भुगतान नगर परिषद और यूआईटी संयुक्त रूप से किया जाएगा। यह भुगतान प्लान लागू होने के बाद दिया जा सकेगा। जोनल प्लान बनने से नगर परिषद की ओर से दो हजार और यूआईटी की ओर से बारह सौ पट्टे बन सकेंगे। Sri Ganganagar श्रीगंगानगर एरिया को छह भागों में बांटा गया है। न्यास क्षेत्र के दायरे में आने वाले 52 चक का एरिया भी शामिल है। वहीं नगर परिषद सीमा क्षेत्र पूरा शामिल होगा। न्यास सचिव के अनुसार नगरीय एरिया, नगरीयकृत एरिया और पेराफेरी एरिया के हिसाब से छह भागों में यह प्लान बनेगा। इस प्लान की रिपोर्ट के आधार पर आगामी दिनों में खेतों में बने मकान का पट्टा भी यूआईटी बना सकेगी। अब तक खेतों में बनी ढाणियों का पट्टा बनना आसान नहीं था। लेकिन जोनल प्लान के बाद यह तस्वीर साफ हो जाएगी। Sri Ganganagar