17 दिसंबर 1971 को युद्ध विराम के बाद फाजिल्का सेक्टर में प्राणोत्सर्ग करने वाले बहादुर सैनिकों का प्रमुख नागरिकों और ग्रामीणों ने सामूहिक रूप से अंतिम संस्कार किया था। सामूहिक अंतिम संस्कार के लिए 90 फीट लंबी तथा 55 फीट चौड़ी चिता तैयार की गई थी। सर्वधर्म सभा के माध्यम से दिवंगत सैनिकों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। मुख्य समाधि के गर्भ गृह में इन शहीदों की पावन अस्थियों के अंशों का समावेश किया किया। फाजिल्का क्षेत्र के लोगों ने इन शहीद सैनिकों को फाजिल्का के रक्षक के रूप में मान्यता दी है। शहीदों के संस्कार के बाद अल्प समय में ही एक स्मारक का निर्माण किया है जो अब बेहद बड़ा स्वरूप ले चुका है। भारत-पाक सीमा पर सादगी पोस्ट पर पर रिट्रीट सेरेमनी देखने जाने वाले इस शौर्य मंदिर को देखने जरूर आते हैं तथा वीर सैनिकों की शहादत को याद करके शीश नवाते हैं।