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श्री गंगानगर

ऑनलाइन शिक्षण के अभ्यस्त हुए शिक्षक-विद्यार्थी,घर-घर पहुंची स्माइल

-पिछले साल की तुलना में मिल रहे बेहतर परिणाम,गांव-ढाणियों में जा रहे गुरुजी

श्री गंगानगरJul 09, 2021 / 11:03 am

Krishan chauhan

ऑनलाइन शिक्षण के अभ्यस्त हुए शिक्षक-विद्यार्थी,घर-घर पहुंची स्माइल

ऑनलाइन शिक्षण के अभ्यस्त हुए शिक्षक-विद्यार्थी,घर-घर पहुंची स्माइल

ऑनलाइन शिक्षण के अभ्यस्त हुए शिक्षक-विद्यार्थी,घर-घर पहुंची स्माइल

-पिछले साल की तुलना में मिल रहे बेहतर परिणाम,गांव-ढाणियों में जा रहे गुरुजी


-कृष्ण चौहान

श्रीगंगानगर.कोरोना वायरस की चपेट में आए पिछले दोनों सत्रों की भरपाई के लिए शिक्षा विभाग लगातार नवाचार कर रहा है। तकनीक और ऑनलाइन संसाधनों के इस युग में मौजूदा समय तक शिक्षा विभाग ने शिक्षा का एक मजबूत डिजिटल प्लेटफॉर्म तैयार कर लिया है। हालांकि जो कार्यक्रम पिछले सत्र में चलाए गए थे। करीबन उन्हीं योजनाओं जैसे स्माइल-3,आओ घर से सीखें-2 शिक्षा दर्शन,शिक्षा वाणी,हवामहल आदि को नए सिरे से इस सत्र में फिर से लागू किया गया है। फिर भी इस साल परिणाम पहले से बेहतर हैं। जिसका सबसे बड़ा कारण है कि बच्चे और अभिभावक ऑनलाइन पढ़ाई, मोबाइल,कम्प्युटर और इंटरनेट के अभ्यस्त हो चुके हैं। पिछले साल जिन बच्चों के पास में संसाधन नहीं थे।उन्होंने कोरोना के कारण बढ़ती ऑनलाइन शिक्षा की जरूरतों को देखते हुए मोबाइल व रेडियो आदि संसाधन जुटा लिए हैं।
-हर शनिवार मिल रही क्विज

विभाग प्रत्येक शनिवार को इ-कंटेंट के दौरान क्विज भेजी जा रही है। जिसमें हिस्सा लेने के लिए व्हाट्सएप नंबर 8599524493 पर हेलो लिख कर मैसेज करना होता है। इसके बाद जिला,ब्लॉक,एनआइसी कोड से स्कूल का चयन कर विद्यार्थी को कक्षा व नाम से पंजीकरण करना है। इस प्रश्नोत्तरी में विद्यार्थियों की ओर से दिए गए जवाब प्रथम परख के मूल्यांकन का आधार बनेंगे।
-मॉनिटरिंग कर रहें हैं 36 अधिकारी

विभाग ने जिला व ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के अलावा राज्य स्तर से 36 अधिकारियों को आओ घर से सीखें-2 कार्यक्रम की गतिविधियों का निरीक्षण करने के लिए नियुक्त किया हुआ है। जिसमें प्रत्येक अधिकारी को 15 स्कूलों का निरीक्षण कर जांचना है कि ऑनलाइन और ऑफलाइन शिक्षा संबंधी कार्यों का संचालन किस स्तर पर किया जा रहा है।
-धरातल पर रही है कुछ समस्याएं
1. ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम से शत प्रतिशत विद्यार्थियों तक पहुंच संभव नहीं है।

2. ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सबसे बड़ी बाधा है।
3. सभी विद्यार्थियों के पास मोबाइल और फोन भी नहीं है।
4. प्रत्येक कक्षा और विषय का कंटेंट रोज नहीं आता है।
5. रिकॉर्ड संधारण के लिए कागजी कार्यवाही बढ़ गई है।

फैक्ट फाइल

प्रदेश में लाभान्वित होने वाले माध्यमिक स्कूल- 14793

प्रदेश में लाभान्वित होने वाले प्रारम्भिक स्कूल – 49301
प्रदेश में लाभान्वित होने वाले सरकारी स्कूल – 1927
राज्य के कुल सरकारी विद्यार्थी – 8583572
जिले में लाभान्वित होने वाले विद्यार्थी – 205813

जिले में कुल दिव्यांग विद्यार्थी – 2814

विभाग के डिजिटल मंच पर सामान्य शिक्षा के साथ-2 समावेशी शिक्षण की भी सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। मिशन समर्थ के तहत बच्चों का फंक्शनल असेसमेंट कर इ-कंटेट प्रतिदिन पहुंचाया जा रहा है।
-भूपेश शर्मा,समन्वयक,जिला दिव्यांग्ता प्रकोष्ठ,शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर

स्माइल-3 के तहत ऑनलाइन कंटेंट के अलावा सभी शिक्षकों को गृह कार्य वह पोर्टफोलियो के लिए पाबंद किया गया है। इसके साथ ही अनामांकित विद्यार्थियों को स्कूल से जोडऩे का अभियान चलाया गया है।
-हंसराज यादव,मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर

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