यह स्थिति अभी सप्ताह भर चलेगी। नवरात्र में इसमें बदलाव की संभावना मौसम विभाग ने जताई है। बारिश से उपजी ठंडक के कारण लोग आधी रात के बाद कूलर और एसी बंद करने लगे थे, लेकिन बारिश का दौर थमने और मौसम शुष्क होने से तापमान में हुई बढ़ोतरी के कारण कूलर एसी रात भर चलने लगे हैं। अधिकतम तापमान 40 डिग्री तक पहुंचने से गर्मी का अहसास होने लगा है।
खेती पर तापमान का असर
तापमान में हो रही बढ़ोतरी का असर खेती पर भी दिखाई दे रहा है। प्रगतिशील किसान मनीराम पूनिया ने बताया कि इन दिनों सिंचाई करने पर जमीन में सात दिनों बाद बतर आती थी लेकिन अब तो तीन दिन में ही बतर आ रही है। सावणी की फसलों में इस
मौसम में सिंचाई की जरूरत नहीं होती थी। अब मौसम का जो मिजाज है उसमें कॉटन के अलावा मक्का और गन्ना की फसल पानी मांग रही है। उन्होंने बताया कि श्राद्ध पक्ष में सरसों की बिजाई शुरू हो जाती थी। लेकिन 40 डिग्री सेल्सियस तापमान में बोई गई सरसों का अंकुरण नहीं होता, इसलिए किसान सरसों बिजाई का जोखिम नहीं ले रहे।
नरमा में कर रहे सिंचाई
इस समय नरमा की फसल फाल पर होती है, इसलिए उसमें पानी की जरूरत नहीं होती। रायसिंहनगर तहसील के चक 7 एनजेडपी के किसान गोपाल चौहान ने बताया कि बारिश से उपजी ठंडक के कारण नरमा की फसल में इस समय सिंचाई की जरूरत नहीं होती। वैसे भी नरमा की फसल फाल पर होने के कारण
किसान पानी देने से परहेज करते हैं। लेकिन अभी जो तापमान है उसमें फसल पानी की मांग कर रही है। नहरों में पानी की उपलब्धता कम होने से किसान ट्यूबवैल के पानी से सिंचाई कर रहे हैं।