हीटवेव के साइड इफेक्ट: जिला चिकित्सालय में उल्टी-दस्त, पेट दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ी
-जिला चिकिसालय में 2500 से अधिक ओपीडी व 190 तक आईपीडी
श्रीगंगानगर. इलाके में अत्यधिक गर्मी के कारण उल्टी-दस्त व पेट में दर्द से संबंधित रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला अस्पताल की 15,16 व 17 मई की ओपीडी में प्रतिदिन 2500 मरीज आए। इनमें ज्यादातर मरीज उल्टी-दस्त, पेट दर्द और बुखार से पीडि़त मिले। इस बीच
-जिला चिकिसालय में 2500 से अधिक ओपीडी व 190 तक आईपीडी श्रीगंगानगर. इलाके में अत्यधिक गर्मी के कारण उल्टी-दस्त व पेट में दर्द से संबंधित रोगियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। जिला अस्पताल की 15,16 व 17 मई की ओपीडी में प्रतिदिन 2500 मरीज आए। इनमें ज्यादातर मरीज उल्टी-दस्त, पेट दर्द और बुखार से पीडि़त मिले। इस बीच ओपीडी 140 से 190 तक रही। जरूरत के अनुसार मरीजों की स्थिति देखकर रोगियों को भर्ती किया गया। जिला अस्पताल की ओपीडी में एकाएक बढ़ रहे मरीजों की संख्या की वजह से मरीजों को पर्ची कटवाने में लंबी लाइन में लगना पड़ रहा है। डॉक्टर्स के अनुसार मरीजों में डिहाइड्रेशन की वजह से हाथ-पैर में ऐंठन व दर्द की परेशानी देखने को मिल रही है। यह स्थिति एक सप्ताह से बनी हुई है। डॉक्टर्स लोगों को इन दिनों में अधिक तली-भुनी चीजों का प्रयोग नहीं करने की सलाह दे रह हैं।
चार दिन ओपीडी अधिक रहती है
- मौसमी बीमारियों के प्रभारी डॉ.अंकित लड्डा ने बताया कि मौसमी वार्ड अलग से बनाया हुआ है। लू-तापघात के अभी तक कोई मरीज भर्ती नहीं हुए हैं। जिला अस्पताल की मेडिसिन विभाग की ओपीडी काफी बढ़ गई है। साथ ही जिला चिकित्सालय में सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार को मेडिसिन ओपीडी में काफी भीड़ रहती है। आई वार्ड में भी रोगियों की बहुत ज्यादा भीड़ रहती है। इन चार दिनों की ओपीडी के दिन में सर्वाधिक मरीज वार्डों में भर्ती होते हैं।
- चिकित्सालय की तीन दिन की ओपीडी व आईपीडी
- 15 मई
- ओपीडी-2613
- आईपीडी-186
- 16 मई
- ओपीडी-2544
- आईपीडी-190
- 17 मई
- ओपीडी-2454
- आईपीडी-139
- पेट संबंधी रोगी ज्यादा आ रहे
- पहले सर्दी-जुकाम व खांसी के मरीज अधिक आ रहे थे। अब बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण पेट संबंधी बीमारियों के मरीज आ रहे हैं। लिहाजा आमजन को खाने-पीने में विशेष ध्यान रखना चाहिए।
- डॉ.पवन सैनी, वरिष्ठ फिजिशियन, मेडिसिन विभाग,श्रीगंगानगर।
- पत्रिका अलट..
- -पानी, छाछ, ओआरएस का घोल या घर में बने पेय जैसे लस्सी, नींबू पानी, आम का पना इत्यादि का सेवन करते रहें।
- -यथा संभव दोपहर 12 से दोपहर 4 बजे के बीच धूप में बाहर निकलने से बचें।
- -धूप में निकलते समय अपना सिर ढक कर रखें। कपड़े, टोपी अथवा फुल बाजू शर्ट का उपयोग करें।
- -धूप में निकलने के पहले तरल पदार्थ का सेवन करें। पानी हमेशा साथ रखें। शरीर में पानी की कमी न होने दें।
- -सूती, ढीले एवं आरामदायक कपड़े पहनें। सिंथेटिक एवं गहरे रंग के वस्त्र पहनने से बचें।
- -जानवरों को छाया में रखें और उन्हें पर्याप्त मात्रा में पीने का पानी दें।
- -अत्यधिक गर्मी होने की स्थिति में ठंडे पानी से शरीर को पोछें या कई बार स्नान करें।
- -धूप तथा गर्म हवाओं के संपर्क के तुरंत बाद स्नान न करें।
- -वसायुक्त, ज्यादा प्रोटीन वाले भोजन तथा अल्कोहल, चाय, काफी जैसे पेय पदार्थ का उपयोग कम से कम करें।
- हीटवेव के लिए अलग से वार्ड
- चिकित्सालय में रविवार को सुबह नौ से 11 बजे तक दो घंटे की ओपीडी रही, जबकि अन्य दिनों की अपेक्षा रोगियों की संख्या सामान्य रही। हीटवेव के लिए अगल से वार्ड आरक्षित किया हुआ है। स्टाफ को भी प्रशिक्षण देकर दक्ष किया हुआ है। दवा आदि की माकूल व्यवस्था की गई है।
- डॉ.बलदेव सिंह चौहान, कार्यवाहक पीएमओ, जिला चिकित्सालय,श्रीगंगानगर।
- लू-तापघात से प्रभावित व्यक्ति का तत्काल यूं करें प्राथमिक उपचार
- लू तापघात से प्रभावित रोगी को तुरंत छायादार जगह पर कपड़े ढीले कर लेटा दिया जाए एवं हवा करें। व्यक्ति को तुरंत ठंडा पानी, ओआरएस, नींबू पानी, नारियल पानी, कच्चे आम का पना जैसे पेय पदार्थ पिलाएं। पानी व बर्फ से शरीर को ठंडा करने का प्रयास करें फिर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र लेकर जाएं।
- डॉ.अजय सिंगला, सीएमएचओ, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग,श्रीगंगानगर।
Hindi News / Sri Ganganagar / हीटवेव के साइड इफेक्ट: जिला चिकित्सालय में उल्टी-दस्त, पेट दर्द के मरीजों की संख्या बढ़ी