बड़े पापा ने कहा था जज बनना है, बेटी ने साकार किया सपना; RJS में पाई 123वीं रैंक, परिवार में छाई खुशियां
आरजेएस के नतीजों में अनूपगढ़ के अनुराग ने पाई 198वीं रैंक
सपने देखो संघर्ष करो और सफल बनो, ऐसा ही है अनूपगढ़ के पहले आरजेएस अनुराग की संघर्ष से सफलता तक सफर। वार्ड 24 के रहने वाले अनुराग पुत्र मघाराम खंड ने रविवार घोषित हुए राजस्थान न्यायिक सेवा (आरजेएस) में 198 वीं रैंक पाई है। अपनी पढ़ाई के समय में ही उन्होंने लक्ष्य निर्धारण किया। एलएलबी करने के बाद से ही उन्होंने आरजेएस की परीक्षा पास करने का सपना देखा था। बीए, एलएलबी करने के बाद वे 6 सालों से दिल्ली और जयपुर में रहकर आरजेएस की तैयारी कर रहे थे। उन्होंने बताया कि पूर्व में दो बार आरजेएस की परीक्षा में उनका प्री क्लियर हो पाया था, परन्तु मेन में सफलता नहीं मिल पा रही थीं, जिस कारण वे हताश हो चुके थे। उनके पिताजी ने उनका दोबारा हौसला बढ़ाया। उनकी ओर से प्रेरित करने पर वे तीसरी बार पूरी मेहनत और समर्पण के साथ अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जुट गए। जयपुर में रहकर वे 16 से 18 घंटे पढ़ाई करते थे जिसका परिणाम यह हुआ कि इस बार उन्हें सफलता भी मिली। अनुराग ने इस सफलता का श्रेय पिता मघाराम खंड और मां चंद्रकला को दिया है।
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बधाई देने वालों का तांता लगा
अनुराग ने यह सफलता हासिल करके अनूपगढ़ जिले को भी गौरवान्वित किया है। अनुराग की पत्नी अनुष्का आरएएस की तैयारी कर रही हैं। अनुराग खण्ड का आरजेएस में चयन होने पर नगरपरिषद सभापति प्रियंका बैलान, ग्राम पंचायत 12 ए के सरपंच वासुदेव, राजस्थान मेघवाल समाज संस्थान के जिलाध्यक्ष गणपत राज ब्यावत, भागीरथ जैपाल, पंकज सहित बड़ी संख्या में लोगों ने उनके घर पहुंचकर पटाखे फोड़कर और अनुराग और उसके परिवार के सदस्यों को मिठाई खिलाकर बधाइयां दी। अनूपगढ़ कोर्ट के सरकारी वकील तिलकराज चुघ ने बताया कि अनुराग खंड अनूपगढ़ के पहले आरजेएस चयनित हैं। अब तक अनूपगढ़ का कोई भी युवक मजिस्ट्रेट नहीं बन पाया है।