उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी किए गए आदेश के अनुरुप जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कोविड की गाइड लाइन की पालना के अनुरुप कोर्ट परिसर में सुनवाई की प्रक्रिया शुरू करने के निदेश दिए है।
कोरोना की दूसरी लहर के कारण कोर्ट परिसर में जमानत अर्जी जैसे जरुरी कानूनी पहलूओं पर ही सुनवाई होती थी। लेकिन अब पुराने प्रकरणों में सुनवाई का दौर शुरू किया गया है। हाइकोर्ट ने न्यायिक कामकाज करने के लिए कोरोना वैक्सीन की एक डोज लगाना जरूरी किया है।
इधर, हाइकोर्ट से आदेश मिलते ही अधिवक्ताओं ने अपने चेम्बर को साफ करवाए तो वहीं कई अधिवक्ताओं ने अपने मेज कुर्सी को लगाकर काम शुरू किया। इधर, विभिन अदालतों में भी अधिवक्ताओं ने पुराने प्रकरणों में पक्षकारों और गवाहों को बुलाकर बयान देने की प्रक्रिया करवाई। न्यायिक कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष अनिल गोदारा ने बताया कि नियमित सुनवाई से अब लंबित प्रकरणों का निस्तारण भी जल्द हो सकेगा।
सभी अदालतों में नियमित सुनवाई के आदेश की प्रति भिजवाई गई है। इधर, कोर्ट परिसर में नियमित सुनवाई का दौर शुरू होने का असर कोर्ट कैम्पस के बाहर अस्थायी दुकानदारों पर रहा है। चाय की थड़ी, जूस की दुकानें, फोटो स्टेट मशीन की दुकानें, अराजनवीस, टाइप राइटर, कम्प्यूटर ऑपरेटरों, ई मित्र की दुकानों, मनियारी की सामान बेचने वाले दुकानदारों, टैम्पों चालकों, स्टेशनरी के सामान बेचने वाले अस्थायी दुकानदार, पनवाडि़यों आदि के चेहरे भी खिल उठे।
ग्राहकी नहीं होने के कारण ये दुकानदार पिछले काफी से ठाले बैठे नजर आ रहे थे लेकिन सोमवार सुबह दस बजे से लेकर शाम पांच बजे तक इन दुकानों पर भी चहल पहल देखने को मिली। वहीं साइकिल स्टैण्ड पर भी वाहनों के $खड़ा करने की हौड़ सी लगी रही।
जिले में विभिन्न अदालतों में करीब 62 हजार से अधिक प्रकरण लंबित है। इसमें साढ़े पन्द्रह हजार सिविल केसेज और करीब साढ़े 47 हजार फौजदारी केसेज लंबित है।
पिछले साल भी कोरोना की पहली लहर के कारण लंबे समय तक अदालतों में कामकाज नहीं हो पाया था। वहीं इस साल भी करीब चार महीनों से अदालती कामकाज प्रभावित हो चुका है। लेकिन अब कोरोना की धीमी गति होने और हाईकोर्ट के आदेश से फिर से कोर्ट में नियमित कामकाज हो सकेगा। इससे लंबित प्रकरणों का निस्तारण भी होगा।