पौंग बांध में भी पानी कम
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में ब्यास नदी पर बने पौंग बांध में भी जलस्तर चिंता बढ़ाने वाला है। जलग्रहण क्षेत्रों में बारिश की कमी के चलते बांध 61 फीट खाली पड़ा है। पिछले साल इन्हीं दिनों पौंग बांध में जलस्तर 1374 फीट था। जलग्रहण क्षेत्रों में अच्छी बारिश होने से पानी की आवक 56371 क्यूसेक तथा निकासी 39396 क्यूसेक थी। इस बार पौंग बांध का जलस्तर 1313 फीट है। पानी की आवक मात्र 9643 क्यूसेक तथा निकासी 11000 क्यूसेक है।प्रदेश में महत्व
पौंग और भाखड़ा बांधों से प्रदेश की तीन सिंचाई परियोजनाओं गंगनहर, भाखड़ा व इंदिरा गांधी नहर को पानी मिलता है। इंदिरा गांधी नहर परियोजना क्षेत्र में आठ जिलों श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर एवं फलोदी के 16.70 लाख हैक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई होती है। कुल 15 जिलों बाड़मेर, बालोतरा, सीकर, नीम का थाना, झुंझुनूं, नागौर, डीडवाना- कुचामन, श्रीगंगानगर, अनूपगढ़, हनुमानगढ़, बीकानेर, चूरू, जैसलमेर, जोधपुर एवं फलोदी के 49 शहर/ कस्बे, 7500 गांव-ढाणी, सूरतगढ़ थर्मल तथा महाजन फायरिंग रेंज एवं सेना आदि को पेयजल उपलब्ध होता है।सावन की बारिश से उम्मीद
पंजाब की दबंगई के चलते गंगनहर में शेयर के अनुसार पानी मिलने की उम्मीद छोड़ चुके किसानों ने सावन की बारिश उम्मीद लगाई थी, लेकिन सावन के दो दिन सूखे जाने तथा अत्याधिक तापमान और उमस से खेतों में मुरझाई फसल देख किसान निराश हो रहे हैं। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड ने गंगनहर के लिए जुलाई माह का शेयर 2500 क्यूसेक निर्धारित किया था, लेकिन इसके अनुरूप पानी अब तक नहीं मिला। वर्तमान में पंजाब से आरडी 45 पर गंगनहर को 1873 क्यूसेक पानी मिल रहा है, जो राजस्थान-पंजाब सीमा पर पहुंचते-पहुंचते 1091 क्यूसेक रह जाता है। गंगनहर के किसानों के हिस्से का 782 क्यूसेक पानी कहां जा रहा है, इस पर सवाल उठाना किसानों ने छोड़ दिया है।भाखड़ा बांध
जलग्रहण क्षमता 1680 फीटवर्तमान में जलस्तर 1598.59 फीट
पिछले साल जलस्तर 1648.12 फीट
पौंग बांध
जलग्रहण क्षमता 1390 फीटवर्तमान में जलस्तर 1313 फीट
पिछले साल जलस्तर 1374 फीट