श्रीगंगानगर.कृषि बाहुल्य श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले का मुख्य आधार खेतीबाड़ी है। इलाके में मानसून की बेरूखी बनी हुई है और गंगनहर में अगस्त माह का बीबीएमबी के मुताबिक सिंचाई पानी का शेयर 2400 क्यूसेक तय किया है। जबकि शुक्रवार को खखां हैड पर गंगनहर में 1658 क्यूसेक सिंचाई पानी मिल रहा था। इस सिंचाई पानी में 350 क्यूसेक पानी पेयजल में उपयोग लिया जा रहा है। अब गंगनहर की दो दर्जन से अधिक नहरों में सिंचाई पानी के लिए मात्र 1308 क्यूसेक पानी बचता है। सिंचाई पानी कम होने से पीएस व आरबी नहर प्रभावित हो रही है। किसानों की दो-दो बारियां सूखी जा रही है। श्रीगंगानगर जिले में इस खरीफ सीजन में 4 लाख 5 हजार 427 हैक्टेयर में फसलों की बुवाई हुई है। इनमें नरमा-कपास,मूंग व ग्वार,हरा चारा,बाजरा,गन्ना व बागवानी आदि की फसलों को सिंचाई पानी की मांग ज्यादा बनी हुई है। बारिश हुई नहीं,पानी का अभाव है। इस कारण अब खरीफ की फसलें प्रभावित हो रही है। उल्लेखनीय है कि पहले नहरबंदी की वजह से नहरें बंद रही। इस कारण जिले में डेढ़ लाख हैक्टेयर में खरीफ की बुवाई पिछले वर्ष की तुलना में कम हुई है।
पीएस और आरबी नहर हुई प्रभावित ———
गंगनहर में सिंचाई पानी कम होने पर पीएस और आरबी नहर प्रभावित हो रही है। जल संसाधन विभाग के अनुसार पीएस शुक्रवार दोपहर 12 बजे और आरबी अपरान्ह तीन बजे खुलनी थी लेकिन सिंचाई पानी कम होने की वजह से दोनों ही नहरें नहीं खुल पाई। अब एच नहर शनिवार सुबह छह बजे बंद होगी। इसके बाद पीएस और आरबी नहर में सिंचाई पानी छोड़ा जाएगा। इस बीच शुक्रवार और शनिवार दोपहर तक किसानों की दो-दो बारियां सूखी चली जाएगी।
डेढ़ लाख हैक्टेयर बुवाई कम हुई श्रीगंगानगर जिले में इस बार खरीफ बुवाई का लक्ष्य 5 लाख 60 हजार 350 हैक्टेयर था,जबकि 4 लाख 5 पांच हजार 427 हैक्टेयर में बुवाई हुई। जबकि पिछले वर्ष जिले में खरीफ सीजन में 5 लाख 46 हजार 499 हैक्टेयर में बुवाई हुई थी।
फसलों में पानी की मांग ज्यादा खरीफ की फसलों में इन दिनों सिंचाई पानी की मांग ज्यादा बनी हुई है।
कृषि अनुसंधान अधिकारी (शस्य)मिलिंद सिंह का कहना है कि इस बार नहरों में भी सिंचाई पानी कम चला और पर्याप्त बारिश भी नहीं हुई। तापमान भी अधिक बना हुआ है। इस कारण अब नरमा-कपास,मूंग,ग्वार सहित अन्य फसलें सिंचाई पानी की मांग बनी हुई है। पानी नहीं मिलने पर खरीफ की फसलों का उत्पादन व उत्पादकता प्रभावित होने की आंशका बढ़ गई है।
बारिश भी हुई कम,फसलें प्रभावित आइजीएनपी व भाखड़ा नहरों में पहले नहर बंदी की वजह से तीन-चार माह तक खेतों में सिंचाई पानी नहीं पहुंचा। सूरतगढ़,अनूपगढ़ शाखा में पानी कम मिलने से किसानों की खरीफ की फसलें इस बार ज्यादा अच्छी नहीं है।
हालांकि राज्य में अच्छी बारिश हुई जबकि श्रीगंगानगर जिले में 83.5 प्रतिशत और हनुमानगढ़ में190.6 प्रतिशत बारिश दर्ज की गई है। श्रीगंगानगर जिले में बारिश कम होने से खरीफ की फसलें सिंचाई पानी के अभाव में कई जगह झूलस रही है।
गंगनहर में क्यूं कम हुआ पानी
-पंजाब में जल्दी विधानसभा के चुनाव होने हैं।वहां पर बारिश हुई नहीं और पानी की मांग ज्यादा बनी हुई। -पंजाब राजस्थान के हिस्से का सिंचाई पानी कम कर ईस्टन कैनाल में पानी छोड़ रहे हैं।
-जल संसाधन विभाग ने पंजाब व राजस्थान में एक अगस्त से पानी चोरी पर अकुंश के लिए गश्त बंद कर दी गई है।
-पंजाब व खखां हैड से शिवपुर के बीच फिर से सिंचाई पानी की चोरी बढ़ गई है। फैक्ट फाइल
-गंगनहर का अगस्त माह का पानी का शेयर-2400 क्यूसेक -गंगनहर में खखां हैड पर शुक्रवार को मिल रहा था पानी-1658 क्यूसेक
-गंगनहर में पेयजल के लिए सिंचाई पानी-350 क्यूसेक
-गंगनहर में सिंचाई के लिए शेष रहा पानी-1308 क्यूसेक ——
गंगनहर में सिंचाई पानी कम होने पर आरबी व पीएस नहरें प्रभावित हो रही है। इलाके में बारिश भी कम हुई है। इस कारण नरमा-कपास,मूंग,ग्वार,गन्ना व बागवानी की फसलें प्रभावित हो हो रही है।
गुरबलपाल सिंह,किसान नेता,श्रीगंगानगर। गंगनहर में शुक्रवार शाम को खखां हैड पर 1658 क्यूसेक सिंचाई पानी मिल रहा था। पानी कम होने पर पंजाब के अधिकारियों से दूरभाष से बात कर पानी बढ़वाया है। शनिवार तक सिंचाई पानी पूरा होने की उम्मीद है।
धीरज चावला,अधीक्षण अभियंता,जल संसाधन विभाग,श्रीगंगानगर।