खरीफ फसलों की बिजाई के लिए 2500 क्यूसेक पानी उपलब्ध कराने की मांग के साथ किसान संगठनों ने 10 मई को कलक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया था। उस दिन जिला कलक्टर के साथ हुई वार्ता में इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने 13 मई तक पूरा पानी नहीं मिलने की दशा में 16 मई को गंगासिंह चौक पर पड़ाव डालने की घोषणा की थी।
खेती हो जाएगी चौपट
किसान नेताओं संतवीरसिंह मोहनपुरा, सुभाष सहगल और श्योपत मेघवाल का कहना है कि खरीफ की बिजाई अब अंतिम दौर में है। लेकिन गंगनहर क्षेत्र का किसान नहरें सूखी होने से ठाले बैठे हैं। पानी के अभाव में बाग तबाह हो रहे हैं और गन्ने की बिजाई नहीं हो पा रही। अगर गन्ने की बिजाई नहीं हुई तो जिले के एकमात्र बड़े उद्योग शुगर मिल का अस्तित्व संकट में पड़ जाएगा। कॉटन बैल्ट के रूप में पहचान बना चुका यह इलाका बिजाई नहीं होने पर अपनी पहचान खो देगा।
अवगत करवाया है
किसानों की मांग के बारे में उच्चाधिकारियों को अवगत करवा दिया है। अभी 1400 क्यूसेक पानी गंगनहर को मिल रहा है। इसमें वृद्धि का निर्णय उच्च स्तर पर होना है।
ज्ञानाराम, जिला कलक्टर