जानकारी के मुताबिक सन् 2013-014 में यह विद्यालय उच्च प्राथमिक से क्रमोनित होकर माध्यमिक बनाया गया था। लेकिन विद्यालय को क्रमोनित तो कर दिया परन्तु इसकी बिल्डिंग पर किसी ने भी ध्यान तक नही दिया।जिससे इसमें कुल पांच कमरों मे से एक ऑफिस होने के बाद मात्र चार कमरें शेष बचते है। इस चार कमरों में मजबूरन दस कक्षाएं बैठने को मजबूर है। लेकिन किसी का भी इस ओर ध्यान नही जा रहा है ।
स्टाफ की है कमी
इस विद्यालय को सरकार क्रमोनित करने के बाद भूल ही गई है। जिसमे 14 स्वीकृत पदों मे से प्रधानाचार्य सहित आठ पद खाली पड़े है ।
ये है स्वीकृत व रिक्त पद
प्रधानाचार्य एक, लेवल प्रथम दो, लेवल द्वितिय दो, सैकेंड ग्रेड छह, एलडीसी एक, पीटीआई एक व चतुर्थ श्रैणी का एक पद स्वीकृत है। जिसमे से प्रधानाचार्य एक, लेवल प्रथम एक, लेवल द्वितिय एक, सैकेड ग्रेड तीन एलडीसी व चतुर्थ श्रैणी का पद खाली होने से यहां के बच्चों की पढाई भी प्रभावित हो रही है ।
यहां कार्यवाहक प्रधानाचार्य ने बताया कि विद्यालय में मात्र चार कमरें ही होने की वजह से कक्षा एक से पांच तक एक कमरें में, दूसरे में छह सात व आठ, तीसरे में नवीं तथा चौथे में दसवीं कक्षा को बैठाना पड़ रहा है । जिससे एक कक्षा के बच्चों को पढाने से दूसरी कक्षा के बच्चों की पढाई प्रभावित होती है।
यहां के ग्रामीण सुभाष यादव, बृजमोहन गाट, सुनीलकुमार झिंझा, रामकिशोर गोस्वामी, अग्रेंजसिंह, प्रभूराम पूंनीया,श्रवणकुमार व विनोद गोस्वामी आदि लोगों ने बताया कि विभाग व जनप्रतिनिधीयों को बार बार अवगत करवाने के बावजूद भी आज तक किसी ने भी यहां आने तक की जहमत नही उठाई है। जिससे यहां के लोगों में रोष भी उपजा है । उनका कहना है कि दिपावली की छुट्टीयों के बाद भी कोई ठोस कदम नही उठाया गया तो विद्यालय पर तालाबंदी कर प्रदर्शन किया जाएगा। जिसका जिम्मेदार विभाग होगा।