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श्री गंगानगर

जमीं खा गई या आसमां : आठ साल से लापता दंपती बना पहेली

– श्रीगंगानगर और बीकानेर जिलों की पुलिस और सीआईडी का अब तक नहीं मिला सुराग
जमीं खा गई या आसमां : आठ साल से लापता दंपती बना पहेली

श्री गंगानगरJun 30, 2024 / 02:56 pm

surender ojha

श्रीगंगानगर. हिन्दी फिल्म दृश्यम की तर्ज पर जैतसर थाना क्षेत्र से एक नवदपंती के लापता होने का रहस्य पिछले आठ साल से बना हुआ है। दंपती का सुराग ढूंढने के लिए श्रीगंगानगर से लेकर बीकानेर तक पुलिस अफसरों की टीम ने अपने अपने स्तर पर प्रयास किए लेकिन हाथ खाली रहा तो इस गुमशुदगी की फाइल को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है। जैतसर थाना क्षेत्र गांव 13 एसडी चक सुवान निवासी श्योप्रकाश पुत्र गिरधारीलाल मेघवाल और उसकी पत्नी शंकुतला दोनों बाइक पर अपने घर से 25 दिसबर 2016 को रवाना हुए थे। श्योप्रकाश ने अपने पिता गिरधारीलाल को बताया कि वह अपनी पत्नी के संग बाइक पर ससुराल पीलीबंगा क्षेत्र गांव भागसर ससुराल जा रहा है, दो दिन में वापस आ जाएगा। इस दिन की दोपहर करीब तीन बजे घर से अपनी पत्नी को बाइक पर पीछे बैठाकर चला गया लेकिन आठ साल बीतने के बावजूद नहीं आया। लापता श्योप्रकाश की उम्र उस समय करीब बीस साल की थी और उसकी पत्नी की आयु करीब 19 साल की थी।

घोषित किया 25 हजार रुपए का इनाम

पुलिस अफसरों के हाथ खड़े किए जाने पर अतिरिकत महानिदेशक पुलिस अपराध शाखा राजस्थान जयपुर ने इन दोनों के बारे में 25 हजार रुपए का इनाम घोषित किया है। इस मामले की जांच मानव तस्करी विरोधी यूनिट सीआइडी सीबी के पुलिस निरीक्षक राजकुमार को जांच अधिकारी बनाया गया है। जांच अधिकारी ने पत्रिका को बताया कि श्योप्रकाश के परिजन सुनील पर शक जता रहे हैं, लेकिन सुनील से हर एंगल से पूछताछ की जा चुकी है।

मां बोली, आज भी आने की आहट

श्योप्रकाश मेघवाल की शादी गायब होने से करीब सात महीने पहले शंकुतला के संग हुई थी। 25 मार्च 16 को जब श्योप्रकाश ने अपने सिर पर दूल्हे की सेहरा बांधा तो उसकी एक मात्र बहन सोनू उर्फ सोना ने तो खुशी का इजहार किया था। श्योप्रकाश की मां सजनादेवी का कहना है कि वह बीमार रहने लगी तब श्योप्रकाश की शादी की। महज सात महीने के बाद इकलौता बेटा पत्नी समेत गायब हो गया। आज भी घर के बाहर आहट होती है तो लगता है कि श्योप्रकाश आ रहा है। सजनादेवी भतीजे सुनील पर इन दोनों के गायब होने का आरोप लगा रही है। उसका कहना है कि पुलिस चाहे तो सुनील और उसके संपर्क में आए लोगों के बारे में सुराग ढूंढ सकती है।

हर अफसर के आगे कर चुका गुहार पिता

लापता श्योप्रकाश के पिता गिरधारीलाल ने बताया कि श्रीगंगानगर, सूरतगढ़, जैसतर, अनूपगढ़, रायसिंहनगर, बीकानेर और जयपुर तक के सभी पुलिस अफसरों के समक्ष अपने बेटे के बारे में सुराग ढूंढने के लिए फरियाद कर चुका हैं पर आश्वासन मिला लेकिन परिणाम नहीं। आठ साल का लंबा इंतजार करते करते आंखें पथरा गई हैं। उन्होंने बताया कि अब स्वास्थ्य उसका ठीक नहीं रहता। हर महीने बीकानेर जब दवाई लेने जाते हैं तो सीआईडी सीबी के अधिकारियों के पास जाकर इस केस की प्रगति रिपोर्ट मांगते हैं।

जांच अफसर का रटारटाया जवाब


सीआईडीसीबी बीकानेर के पुलिस निरीक्षक और जांच अ​धिकारी राजकुमार का कहना है कि आठ साल पहले मोबाइल फोन की कॉल डिटेल को खंगालने में समस्या आ रही है। जैसे जैसे समय बीतता गया तो जांच की कड़ियां भी कमजोर पड़ने लगी है। इसके बावजूद प्रयास जारी है। इस दंपती के बारे में पच्चीस हजार रुपए का इनाम भी रखा हुआ है।

जांच में बाइक लेकिन दंपती का सुराग नही

जैतसर पुलिस ने इस मामले की छानबीन की तो श्योप्रकाश की बाइक भी मिली लेकिन श्योप्रकाश और शंकुतला का सुराग नहीं मिल पाया। हालांकि श्योप्रकाश के पिता गिरधारीलाल का कहना है कि श्येाप्रकाश और शंकुतला दोनों गांव भागसर की बजाय घड़साना क्षेत्र गांव 465 हैड में श्येाप्रकाश के ममेरे भाई सुनील के पास गए थे। वहां श्योप्रकाश की बाइक भी बरामद की गई थी। लेकिन सुनील बार बार बयान बदलता रहा। इस सुनील के ​खिलाफ जांच एजेंसियों ने ज्यादा सख्ती नहीं की। अब तक सुराग तक नहीं जुटाया। जब पुलिस ने कई पहलुओं को नजर अदांज किया तो जैतसर क्षेत्र में धरना प्रदर्शन भी किया गया। यहां तक कि आईजी बीकानेर के समक्ष पेश होकर फिर से फरियाद भी की। महीनों से साल बीतते गए लेकिन लापता हुए इस दंपती का राज खुला नहीं। ऐसे में यह मामला सीआईडीसी सीबी को दिया गया। यहां भी दो साल बीतने के बावजूद स्थिति ज्यों की त्यों है।

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