उन्होंने आगे लिखा, “थाना क्षेत्र थाना सिकंदराराऊ के ग्राम फुलरई मुगलगढ़ी पर भोले बाबा के कथित सत्संग कार्यक्रम के संबंध में घटित घटना का संदर्भ ग्रहण करने की कृपा करें, जिसमें हुई भारी भगदड़ और अव्यवस्था से लगभग डेढ़ सौ व्यक्तियों की मृत्यु हो चुकी है। दर्ज हुई एफआईआर में उक्त भोले बाबा का नाम आरोपी के रूप में अंकित तक नहीं किया गया है। इस पूरे प्रकरण में प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों की भूमिका के संबंध में कोई टिप्पणी नहीं है।”
‘भोले बाबा की जानकारी के बिना कोई कार्यक्रम संभव नहीं’
पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने आगे लिखा, “अब तक प्राप्त तथ्यों से स्पष्ट है कि इस प्रकरण में मात्र सेवादारों और आयोजकों की भूमिका नहीं है, बल्कि इसमें निश्चित रूप से भोले बाबा की स्पष्ट भूमिका और संलिप्तता है। ऐसा इसलिए क्योंकि यह संभव नहीं है कि भोले बाबा की पूरी जानकारी और सहयोग के बिना इस प्रकार का कोई कार्यक्रम और आयोजन हो सके। इतना ही नहीं, यह भी संभव नहीं है कि इस प्रकरण में बिना स्थानीय प्रशासनिक और पुलिस अफसरों की सहभागिता के यह कार्यक्रम हो सके।”
उन्होंने आगे लिखा, “निष्कर्ष यह कि इस घटना में मात्र आयोजक नहीं है बल्कि इसमें निश्चित रूप से भोले बाबा तथा स्थानीय जिम्मेदार प्रशासनिक और पुलिस अधिकारी भी शामिल हैं, जिनके नाम पूर्व में दर्ज किए गए एफआईआर में जानबूझ कर अंकित नहीं किया गया है। इन स्थितियों में मेरे द्वारा यह पृथक शिकायती पत्र अंतर्गत धारा 173 (1) भारतीय नागरिक सुरक्षा अधिनियम 2023 इस अनुरोध के साथ प्रेषित है कि कृपया इस संबंध में समुचित धाराओं में पृथक सूचना रिपोर्ट अंकित करते हुए अग्रेतर कार्रवाई करने की कृपा करें।”