विधायक बिहाणी ने बताया कि कंपनी का प्रस्ताव राज्य सरकार को सौंप दिया गया है। कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए श्रीगंगानगर में कैंसर अस्पताल की मांग लंबे समय से की जा रही है। वर्तमान में कैंसर रोगी उपचार के लिए बीकानेर या जयपुर जाते हैं। श्रीगंगानगर में कैंसर अस्पताल का निर्माण होने से श्रीगंगानगर, अनूपगढ़ व हनुमानगढ़ जिलों के रोगियों के साथ पंजाब के रोगियों को उनके घर के नजदीक उपचार की सुविधा मिलेगी।
भूमि सरकार देगी : विधायक ने बताया कि जिस कंपनी ने कैंसर अस्पताल बनाने की इच्छा जताई है, उसे अस्पताल निर्माण के लिए भूमि राज्य सरकार को उपलब्ध करवानी होगी। बिहाणी ने बताया कि श्रीगंगानगर में कैंसर अस्पताल की मांग वह मुख्यमंत्री के साथ चिकित्सा मंत्री से कर चुके हैं। उन्होंने बताया कि राजकीय मेडिकल कॉलेज में अभी भी भूमि उपलब्ध है। अस्पताल के लिए लगभग चार बीघा भूमि की आवश्यकता होगी जो मेडिकल कॉलेज परिसर में मिल जाएगी।
लीज पर लेगी अस्पताल : दिल्ली की जिस कंपनी ने श्रीगंगानगर में कैंसर अस्पताल बनाने का प्रस्ताव दिया है, वह इसे लीज पर लेगी। राज्य सरकार को दिए प्रस्ताव में कंपनी ने अस्पताल शुरू होने के बाद इसे चालीस साल तक लीज पर लेने और उसके बाद इसे राज्य सरकार को सौंपने की बात कही है।
बजट में किया प्रावधान
राज्य सरकार ने श्रीगंगानगर जिले में कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बजट में 150 बेड का कैंसर अस्पताल खोलने की घोषणा की हुई है। इसका बजट 125 करोड़ तय किया गया है। राज्य सरकार बजट घोषणा वाला कैंसर अस्पताल बनाती है या कंपनी के प्रस्ताव को मंजूर कर उसे ही अस्पताल बनाने का न्यौता देती है, यह अभी भविष्य के गर्भ में है।
अभी यह है हालात
जिले में इस समय कैंसर के 11180 रोगी हैं। इनमें मुख कैंसर, स्तन कैंसर, सर्वाइकल कैंसर के रोगी ज्यादा हैं। कैंसर रोगियों की बढ़ती संख्या की वजह प्रदूषित पानी, मिलावटी खाद्य सामग्री व तंबाकू को माना गया है। असंयमित जीवन शैली भी कैंसर की वजह बन रही है।