प्रदर्शनकारियों ने सरकार पर चुनावी वादों से मुकरने का आरोप लगाया। जीकेएस के जिला महासचिव वीरदीप सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार ने 2014, 2019 और 2024 के चुनावों में एमएसपी गारंटी कानून लाने का वादा किया था, लेकिन आज तक इस पर अमल नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि किसानों की लंबे समय से मांग रही है कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के आधार पर सी-2 प्लस 50 के फार्मूले पर एमएसपी तय की जाए। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन को लेकर भी तनाव बढ़ रहा है। किसान दिल्ली में शांतिपूर्ण प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन केंद्र सरकार उन्हें राजधानी में प्रवेश नहीं करने दे रही है।
शंभू और खन्नौरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों पर आंसू गैस, रबर की गोलियां, वाटर कैनन और कंटीली तारों का इस्तेमाल किया जा रहा है। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल 46 दिनों से भूख हड़ताल पर हैं, लेकिन सरकार ने अब तक उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया है।
‘किसानों को दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति दे सरकार’
महासचिव वीरदीप सिंह ने कहा कि किसान स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों के अनुसार सी-2 प्लस 50 के फार्मूले पर एमएसपी तय करने के अलावा केंद्र सरकार को दिल्ली में प्रदर्शन की अनुमति देनी चाहिए। उन्होंने राष्ट्रपति को सौंपे ज्ञापन में मांग की है कि किसानों पर दमनकारी कदम बंद किए जाएं। प्रदर्शन में जिला महासचिव वीरदीप सिंह, बलजिंदर खालसा, जितेंद्र सेखों, हरकरण चहल, सुभाष ज्याणी, सुखमंदर बराड़, राजू बिश्नोई, दलवीर मान, बलविंद्र सिंह, लतीफ खान, लखवीर सिंह, प्रमोद बिश्नोई, गुरतेज सिंह, सुखपाल सिंह, ओम खिलेरी और गुरदीप सिंह सहित बड़ी संया में किसानों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।