60 या उससे अधिक गैर-ईयू देशों के नागरिक जिन्हें अभी यूरोपीय संघ के लिए वीजा की जरूरत नहीं होती जैसे अमरीका, ब्रिटेन, जापान, सिंगापुर और यूएइ, उन्हें इटीआइएएस के तहत पंजीकरण कराना होगा। इसके तहत पर्यटक शेंजेन क्षेत्र जिसमें यूरोप के अधिकांश देश शामिल हैं कि 90 दिन की यात्रा कर पाएंगे।
इस कदम से अमरीका हैरान है क्योंकि यात्रा खर्च बढ़ेगा। हालांकि यह अमरीका के इएसटीए प्रोग्राम जैसा ही है। इसमें लोगों को यात्रा से पहले ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए प्रवेश की अनुमति लेनी होगी। इसकी कीमत ६३५ रुपए होगी और यह तीन वर्षों के लिए या जब तक पासपोर्ट समाप्त नहीं हो जाता, जो भी पहले हो तब तक लागू रहेगा। यह इएसटीए से सस्ता है, जिसकी कीमत दो साल के लिए १७३३ रुपए है।
यूरोपीय संघ अपने देशों में सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करना चाहता है। सीमा पार अपराध और आतंकवाद को रोकने के लिए भी यह प्रोग्राम शुरू होगा। राजनीतिक अस्थिरता, आर्थिक व पर्यावरणीय संकट और संघर्ष के कारण मिस्र, पाकिस्तान, सीरिया और ट्यूनीशिया सहित कई देशों से यूरोप में पिछले दो वर्षों में अवैध पलायन बढ़ गया है। इसे रोकने के लिए यह कवायद हो रही है।
यह प्रोग्राम कई बार स्थगित हो चुका है। पहले इसे 2022 में लॉन्च होना था, फिर इसी साल मई में शुरू करने की बात आई और अब अगले साल तक का समय रखा गया है। यूरोप के अधिकांश देश यहां ओवरनाइट रहने वाले यात्रियों से टूरिस्ट टैक्स लेते हैं। यह टैक्स आमतौर पर होटल के बिल में चेकआउट के समय जोड़ दिया जाता है या कई बार नकद भुगतान करना होता है।
दुनियाभर में कई सरकारें वीजा-मुक्त यात्रा के प्रतिस्थापन के रूप में ऐसी प्रणाली अपना रही हैं। इनमें कनाडा, श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया जैसे देश शामिल हैं। प्रस्तुति:किरण कौर