ये कैसा निरीक्षण: जिन अस्पतालों में सीएमएचओ ने निरीक्षण किया, उनमें ही व्याप्त है अनियमितताएं
– 200 से अधिक निजी संस्थाएं, एक दर्जन अस्पतालों तक सिमटा निरीक्षण
– जिन अस्पतालों में अनियमिताएं, वहां नसीहत देकर लौटे अधिकारी, निरीक्षण पर उठ रहे सवाल
मुरैना. जिले में 200 से अधिक निजी संस्थाएं संचालित हैं। निरीक्षण सिर्फ एक दर्जन अस्पतालों तक ही सिमट कर रह गया, वह भी चंद दिन चला। जिले के अधिकांश अस्पताल ऐसे हैं जो नियमों का पालन नहीं कर रहे, उसके बाद भी सीएमएचओ ने टीम के साथ निरीक्षण करके उनको ओके रिपोर्ट दे दी। शहर में ऐसे कुछ अस्पताल संचालित हैं, उनमें नियम विरुद्ध लैब संचालित है, उसमें पैथोलॉजिस्ट नहीं हैं, एक्स- रे मशीन का रजिस्ट्रेशन नहीं हैं, मशीन को ऑपरेट करने के लिए रेडियोलॉजिस्ट भी होता है जो कि उनके पास उपलब्ध नहीं हैं, अस्पताल में रेट शासन द्वारा निर्धारित रहती हैं लेकिन अस्पताल संचालकों द्वारा मनमानी रेट मरीजों से वसूली जा रही है। हॉस्पीटल का रजिस्ट्रेशन 20 पलंग है लेकिन अस्पताल में अवैध रूप से 50 पलंग अवैध रूप से पड़े हुए हैं, उनमें मरीज भी भर्ती हो रहे हैं। मेडिकल फार्मासिस्ट बैठता नहीं हैं किसी दूसरे के लाइसेंस किराए पर ले रखा है, इस तरह की अन्य अनियमितताएं शहर के कुछ अस्पतालों में हैं, इनमें से अधिकांश अनियमितताएं शहर की एम एस रोड पर भोज भवन के पास संचालित गणेशी अस्पताल सहित अन्य में भी व्याप्त हैं। खास बात तो यह है कि उक्त अस्पताल का सीएमएचओ टीम के साथ निरीक्षण कर चुके हैं, ये अनियमितताएं उनकी जानकारी में भी हैं, लेकिन उन्होंने कार्रवाई न करते हुए सिर्फ नसीहत देकर लौट आए। यह निरीक्षण लोकसभा चुनाव में लगी आचार संहिता के दौरान किया गया, वह भी कुछ दिन चला। इस दौरान जिन अस्पतालों का निरीक्षण किया, उनको सिर्फ समझाइश देकर टीम वापस हो गई। लोगों के जीवन से कर रहे खिलवाड़ शहर में कुछ चिकित्सक विदेशों से डिग्री लेकर मुरैना में आए और उन्होंने निजी अस्पताल खोल लिया है। उनके यहां न तो लैब का पंजीयन हैं और न फार्मासिस्ट है, उसके बाद भी नियम विरुद्ध लोगों की जांच करके लोगों के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे लोगों को सीएमएचओ के निरीक्षण में हरी झंडी मिल चुकी है, जानकारी में होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं करना, अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। निरीक्षण में कार्रवाई नहीं सिर्फ दी नसीहत सीएमएचओ डॉ. राकेश शर्मा, डॉ. महेन्द्र यादव सहायक जिला मलेरिया अधिकारी, महेश गर्ग जिला अनुश्रवण एवं मूल्यांकन अधिकारी, गीतांजलि जिला महिला स्वास्थ्य समन्वयक की टीम ने करीब एक दर्जन निजी अस्पतालों का निरीक्षण किया, उस दौरान गंभीर शिकायत मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं की सिर्फ नसीहत दी गई। अगर नसीहत ही देनी थी तो एक पत्र भेजकर दी जा सकती फिर निरीक्षण की क्या आवश्यकता थी। ये दिए थे निर्देश -विविध स्वास्थ्य गतिविधियों की दर सूची एवं उपलब्ध चिकित्सकों की विधा व मोबाइल नंबर सहित सूची रिसेप्शन सेंटर पर चस्पा करें। – स्वास्थ्य गतिविधियों की बीमारियों संबंधी जानकारियां जिला कार्यालय से सांझा करें। – हॉस्पीटल की साफ- सफाई पर विशेष ध्यान दें। कथन – लोकसभा चुनाव से पूर्व निजी अस्पतालों का निरीक्षण शुरू किया, चुनाव के चलते स्थिगित कर दिया था, अब फिर से जल्द निरीक्षण शुरू करेंगे। गणेशी हॉस्पीटल का भी निरीक्षण किया है जो अनियमिताएं सामने आई हैं, उन पर संचालक को नोटिस जारी कर रहे हैं। डॉ. राकेश शर्मा, सीएमएचओ, मुरैना