छतों पर लगी टंकियों में पानी उबल रहा
गर्मी और हीटवेव का असर पिछले छह दिनों से अपने चरम पर है। सीजन का सबसे गर्म दिन बुधवार को दर्ज हुआ। पिछले सात दिन से हालात यह है कि रात और दिन में गर्मी का लगातार भीषण रूप देखने में आ रहा है। राहत कहीं नहीं है। घरों की छतों पर लगी टंकियों में पानी उबल रहा है। सुबह 7 बजे भी टंकियों का पानी उबलता आ रहा है। ऐसा महसूस हो रहा है रात के बाद सीधे ही दोपहर हो रही है, धूप इतनी तेज निकल रही है कि सूरज सुबह से तपन देना शुरू कर देता है।
कूलर के बाद अब एसी भी फेल
सीवियर हीट वेव चल रही है। गर्मी इस कदर है कि पुराने व कमजोर एसी व कूलर फेल हो गए हैं। बीती रात न्यूनतम तापमान 32.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। यह तापमान सूर्योदय के कुछ समय पहले सुबह साढ़े पांच बजे आसपास का है। वहीं आधी रात में तापमान 36 से 37 डिग्री के मध्य झुलसा रहा है।
रात और दिन में एक जैसी गर्मी
दिनभर तपी हुई गर्म इमारतों से टकरा कर आ रही गर्म हवाएं और घरों व इमारतों से निकलने वाली तपिश के कारण रात भी दिन जैसे ही गर्म महसूस हो रही है भोर के साथ आसमां से अंगारें बरसने वाली स्थिति हो गई। दोपहर 12 बजे ही असहनीय स्थिति रही। अपराह्न बाद बादलों की आवाजाही शुरू हो गई। गर्मी के साथ उमस ने पसीने छुड़ा दिए।
सडक़ पर दिन में दो बार पानी की बौछारें
गर्मी से राहत के लिए शहर की सडक़ों पर दमकलों से पानी डाला जा रहा है। बाड़मेर में बुधवार को प्रचंड गर्मी के चलते दिन में दो बार दमकलों से सडक़ों को भिगोया गया। तब जाकर लोग सडक़ों पर चल पाए। आग उगलती सडक़ों पर पैर रखना में जलन महसूस हो रही थी।
48 डिग्री तापमान : स्वास्थ्य पर खतरनाक असर
चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार 48 डिग्री सेल्सियस तापमान में शरीर में पानी की भारी कमी हो जाती है। देर तक बनी रहती है तो इसके गंभीर नतीजे में हीट स्ट्रोक, हार्ट स्ट्रोक या ब्रेन हैमरेज भी हो सकता है। डिहाइड्रेशन यानी शरीर में पानी व नमक की कमी भी हो जाती है। इससे माशपेशियों में ऐंठन, घबराहट, बैचेनी, ब्लड प्रेशर कम हो सकती है। इस स्थिति में कोई व्यक्ति बेहोश हो जाता है तो उसके लिए खतरा और बढ़ जाता है।