कड़ी मेहनत से रेत के टीलों को बदला सघन वन में
जमवारामगढ़. महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज के सपने को साकार करने के साथ पर्यावरण सुधार और महिला उत्थान के लिए विद्यार्थी जीवन से ही समाज सेविका कुसुम लता जैन कार्य कर रही हैं। बंजर भूमि विकास कार्यक्रम के तहत 1991 में राज्य सरकार ने ग्राम भारती समिति को जमवारामगढ़ के टोडालडी गांव में 25 हैक्टेयर यानी सौ बीघा से अधिक जमीन आवंटित की थी। विगत 32 वर्षों में रेत के टीलों को ग्राम भारती समिति की सचिव कुसुम लता जैन ने कड़ी मेहनत और लगन से सघन वन में तब्दील कर दिया है। ग्राम भारती समिति ने इस वन को ‘गांधीवनÓ का नाम दिया है। गांधी वन में एक लाख से अधिक पौधे लगाए गए। समाजसेवी एसएन सुब्बराव ने गांधी जी की प्रतिमा का अनावरण किया था। गांधीवन में पर्यावरण सुधार व सरंक्षण विषय पर सेमिनार कार्यशाला और विचार गोष्ठियां होती रहती हैं।यहां अध्ययन करने देश व दुनिया से पर्यावरण विशेषज्ञ आते हैं। पर्यावरण सुधार का कार्य करने के लिए क्षेत्र की महिलाओं को पर्यावरण से जोड़ा और उनकी मूलभूत समस्याओं को ध्यान में रखकर उन्हें स्वावलम्बी बनाया। पर्यावरण सरंक्षण, संवर्धन के लिए लगातार अनूठा कार्य करने पर पर्यावरण प्रेमी कुसुम लता जैन को वर्ष 2000 में भारत सरकार ने इंदिरा प्रियदर्शनी वृक्षमित्र पुरस्कार से सम्मानित किया था। वर्ष 2001 में स्विट्जरलैंड में वर्ल्ड वुमन समिट में महिला रचनात्मकता पुरस्कार मिला। वर्ष 2006 में वर्षा जल सरंक्षण को लेकर संभागीय आयुक्त जयपुर ने ‘जल मित्र पुरस्कारÓ प्रदान किया। जैन को महिला शक्ति के उत्थान के लिए जानकी देवी बजाज पुरस्कार तथा 2019 में राजस्थान सरकार ने ‘महिला शक्तिÓ पुरस्कार से सम्मानित किया है।
महिलाओं को रोजगार के साधन उपलब्ध करवाए
जयपुर. वर्ष 2019 में मिसेज इंडिया का खिताब जीतने वालीं श्वेता मेहता मोदी आधी आबादी को आगे लाने के पिछले कई वर्षों से प्रयासरत हैं। श्वेता देश की 100 प्रभावशाली महिलाओं की सूची में शामिल रह चुकी हैं। उनके ऑफिस में 50 फीसदी फीमेल स्टाफ काम करता है। जयपुर सहित अन्य शहरों में 150 महिला स्टाफ कार्यरत है। उन्होंने कोरोना के बाद फसीनो नाम का एक ग्रुप बनाया। वहीं घरेलू हिंसा से पीड़ित महिलाओं की मदद के लिए कदम बढ़ाए।
जब आपके पास कोई मेडल होता है तो लोग आपकी बात बेहतर तरीके से सुनते हैं। मिसेज इंडिया के बाद मुझे भी बेहतर तरीके से सुनते हैं। 5000 से अधिक बच्चियों को स्किल डवलपमेंट की ट्रेनिंग दी। 100 से अधिक महिलाओं को बुटीक व सैलून खोले। प्रतिमाह प्रॉफिट का पांच फीसदी अनाथ बच्चियों के लिए दान करती हूं।