ठंड से बच्चों की सेहत पर विपरीत असर, लगातार बढ़ रहे निमोनिया के मामले, सर्दी-जुकाम के साथ सांस लेने में आ रही समस्या
निमोनिया के दिसम्बर में 50 मामले आए सामने, इस माह अब तक 20 बच्चे हुए भर्ती
शहडोल. लगातार बढ़ती ठंड से बच्चों की सेहत पर विपरीत असर पड़ रहा है। बच्चों को सर्दी, जुकाम के साथ ही बुखार व सांस लेने में समस्या बढ़ रही है। कुछ बच्चों को ओपीडी में उपचार के बाद भर्ती करने की स्थिति भी बन रही है। चिकित्सकों के अनुसार 0-1 वर्ष के बच्चों में सबसे ज्यादा निमोनिया की शिकायत आ रही है। जिन्हें ठीक होने में 10-15 दिन लग रहा है। इसके साथ ही ठंड की चपेट में आने से बड़े बच्चों में दस्त, बुखार, सर्दी जुखाम की शिकायत सबसे ज्यादा आ रही है। जिन्हें उपचार के बाद ठंड से बचाव के लिए जरूरी सलाह दी जा रही है। वहीं गंभीर बच्चों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा है। जिला चिकित्सालय एवं मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञों की माने तो ओपीडी में हर रोज 30-40 बच्चे पहुंच रहे हैं। इसमें 4-5 बच्चों को गंभीर स्थिति में पाए जाने पर भर्ती कर उपचार दिया जा रहा है।
निमोनिया में यह होती है परेशानी
चिकित्सकों के अनुसार बच्चों को निमोमिया होने पर तेज बुखार आने की शिकायत, इसके अलावा पहले सूखी खांसी फिर बाद में बलगम के साथ खांसी आना, सांस लेने में परेशानी होना या फिर सांस लेने में दर्द का घटना या बढऩा। बच्चों को भूख न लगना, थकान महसूस करना एवं खेल में रुचि न लेना जैसी अन्य समस्या निमोनिया पीडि़त बच्चों को हो सकती है।
ठंड से बचाव ही निमोनिया का उपचार
निमोनिया से बचाव के लिए बच्चों को ठंड से बचाने के लिए गर्म कपड़े पहनाकर रखना चाहिए, ताजा व गरम भोजन के साथ पेय पदार्थ देना चाहिए, कई लेयर में कपड़ा पहनाना चाहिए, जिससे शरीर को ठंड नहीं लगती, बच्चों को भरपूर पोषण आहार देना चाहिए। शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखने तरल पदार्थ का सेवन कराना चाहिए।
निमोनिया के 50 बच्चे हुए भर्ती
जिला अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार दिसम्बर-जनवरी में पडऩे वाली ठंड का सबसे अधिक असर बच्चों पर पड़ा है। एक महीने में 50 बच्चों को निमोनिया से पीडि़त होने पर भर्ती किया गया था। इनमें से कुछ को एक सप्ताह में आराम मिलने पर डिस्चार्ज किया गया तो कुछ को ठीक होने में 10-15 दिन का समय लग रहा है। जनवरी के बीते दो दिनों में जिला चिकित्सालय में करीब 8 बच्चे निमोनिया पीडि़त भर्ती किए गए हैं। जिनको नियमित उपचार दिया जा रहा है। यही स्थिति मेडिकल कॉलेज में भी देखने को मिल रही है।
ठंड से बचाने बच्चों के खान-पान का रखें विशेष ध्यान
मे डिकल कॉलेज के शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. निशांत प्रभाकर ने बताया कि दिसम्बर व जनवरी में पडऩे वाली तेज ठंड से बच्चों में निमोनिया की शिकायत आ रही है। बच्चों के गर्म कपड़े नहीं पहनने की हठ व परिजनों की लापरवाही भी इसका प्रमुख कारण है। यह समय बच्चों के विशेष देखभाल का है, थोड़ी सी लापरवाही बच्चों के लिए आफत बन रही है। निमोनिया से पीडि़त बच्चों को सांस लेने में समस्या के साथ तेज बुखार, सर्दी जुकाम से परेशान होते हैं, जिन्हें ठीक होने में 10-15 दिन लग रहा है। ठंड से बचाव के लिए बच्चों को गर्म कपड़े पहनाना व खान पान में विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है।
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