बोर्ड के गठन से ही गर्मा गया था मामला नगरपालिका में वर्तमान बोर्ड के गठन से ही अशोक कुमार कुमावत के तीन संतान का मामला गर्मा गया था। हरिशंकर निठारवाल ने वाद दायर किया था। कुमावत के दो पत्नियों से तीन संतान हैं। अशोक की पहली पत्नी सविता से एक पुत्री निहारिका है। अशोक ने पहली पत्नी से बिना तलाक लिए ही दूसरी शादी कर ली थी। दूसरी पत्नी मीनाक्षी से भी दो पुत्रियां निहारिका व अर्पिता हैं। उन्होंने नामांकन पत्र में केवल दूसरी पत्नी से दोनों पुत्रियों का जिक्र किया था।
जांच के बाद पाए गए थे दोषी मामले की जांच खंडेला उपखंड अधिकारी राकेश कुमार ने की थी। उपखंड अधिकारी ने प्रथम दृष्टया तीन संतान मामले में कुमावत को दोषी माना था। निर्वाचन आयोग पहले ही कर चुका था अयोग्य घोषित
तीन संतान मामले में वाद दायर होने के बाद मामले की जांच खंडेला उपखंड अधिकारी राकेश कुमार द्वारा की गई थी। उपखंड अधिकारी ने प्रथम दृष्टया तीन संतान मामले में दोषी पाया था। उपखंड अधिकारी की रिपोर्ट के आधार पर जिला कलेक्टर ने 9 मार्च 2022 को राज्य निर्वाचन आयोग को भेजी गई जांच रिपोर्ट में अशोक कुमार कुमावत के तीन जीवित संतान होने का हवाला देते हुए नामांकन पत्र में मिथ्या साक्ष्य पेश करने का दोषी करार दिया था। जिला कलेक्टर की जांच रिपोर्ट के आधार पर राज्य निर्वाचन आयोग ने 13 अप्रैल 2022 को अशोक कुमार कुमावत को दोषी करार देते हुए स्वास् शासन विभाग को पद से हटाने के लिए पत्र लिखा था। पालिका में कांग्रेस का बोर्ड होने के चलते स्वायत शासन विभाग अशोक कुमार कुमावत की कुर्सी बचाता रहा। लेकिन 27 जुलाई को कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए अशोक कुमावत को पद से हटाने के आदेश दिए।