जानकारी के अनुसार रबीना (3) पुत्री गागन खां निवासी हसन का गांव को सर्दी-जुकाम होने के चलते उसके परिवारजन शनिवार को जैसलमेर आए। परिजनों का कहना है कि बच्ची की जांच कर चिकित्सक ने पर्ची पर दवाइयां व इंजेक्शन लिखे। परिजनों का यह भी आरोप है कि मेडिकल स्टोर पर जब इंजेक्शन लगाया तो बच्ची बेहोश हो गई। बच्ची को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने जांच कर बताया कि बच्ची की मौत हो चुकी है।
इतना सुनते ही रबीना के परिवार की औरतों की रूलाई फूट पड़ी और महिलाओं के साथ पुरुषों ने पहले अस्पताल में और बाद में उक्त मेडिकल स्टोर के बाहर विरोध प्रदर्शित किया। उन्होंने बच्ची के लिए न्याय की गुहार लगाई। इस संबंध में संबंधित मेडिकल स्टोर ने अपनी ओर से कोई भी लापरवाही होने की बात नकारी है, वहीं संबंधित चिकित्सक का कहना है कि सुबह बच्ची को लेकर परिजन उनके घर आए थे, जिस पर उन्होंने स्वास्थ्य परीक्षण कर इंजेक्शन लिखकर दिए थे। उसके बाद जब उन्हें अस्पताल से फोन आने पर वे वहां पहुंचे। उन्होने भी अपनी ओर से कोई लापरवाही होने की बात से इनकार किया है।
पुलिस पहुंची मौके पर
सूचना मिलने पर कोतवाली थानाधिकारी सवाईसिंह मय जाब्ता अस्पताल पहुंचे और मृतका के परिजनों से समझाइश का प्रयास किया। थानाधिकारी सवाई सिंह ने बाद में बताया कि इस संबंध में चिकित्सक व मेडिकल स्टोर संचालक के खिलाफ शिकायत दी गई है। जिस पर जांच शुरू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि बच्ची के शव का पोस्टमार्टम करवाने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। मामले में जवाहिर चिकित्सालय के पीएमओ डॉ. चंदनसिंह ने बताया कि बच्ची का उपचार अस्पताल से बाहर निजी क्लिनिक में किया गया है। बच्ची को जब अस्पताल लाया गया तो उसे मृत घोषित किया गया।