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धंधरौल बांध पर तैरते इंटेक की विशेषता: धंधरौल बांध पर तैरता इंटेक वेल इस क्षेत्र की पानी की समस्या के समाधान के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। परंपरागत इंटेक वेल की जगह यह फ्लोटिंग सिस्टम भूजल स्तर की कमी के चलते अधिक उपयोगी साबित हो रहा है। यह इंटेक सिस्टम जल की सतह पर तैरता रहता है, और इसे आवश्यकतानुसार जलस्रोत के विभिन्न हिस्सों में स्थानांतरित किया जा सकता है। यह संरचना कम खर्चीली है और इसके रखरखाव में भी ज्यादा लागत नहीं आती। यह भी पढ़ें
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तकनीकी चुनौतियों का समाधान: सोनभद्र का 50 प्रतिशत हिस्सा पहाड़ी और पथरीला है, जिसके कारण यहां भूजल स्तर में कमी और पानी की गुणवत्ता की समस्या हमेशा बनी रहती थी। पारंपरिक इंटेक वेल बनाने में अत्यधिक समय और लागत की आवश्यकता थी, साथ ही पथरीली भूमि के कारण इंटेक वेल के निर्माण में कठिनाई होती थी। इन सभी चुनौतियों को देखते हुए फ्लोटिंग इंटेक सिस्टम को अपनाया गया, जिसने न केवल पानी की समस्या का समाधान किया बल्कि जलापूर्ति की प्रक्रिया को भी सरल बना दिया। यह भी पढ़ें
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फ्लोटिंग इंटेक सिस्टम की खूबियां: यह सिस्टम पानी की सतह पर तैरता रहता है, जिससे इसे जल की अधिक उपलब्धता वाले स्थानों पर आसानी से स्थानांतरित किया जा सकता है। इस प्रणाली के माध्यम से सतही जल को बिना किसी गुणवत्ता हानि के स्थायी रूप से प्राप्त किया जा सकता है, चाहे जलस्तर कितना भी हो। इसका रखरखाव सस्ता और आसान होता है क्योंकि पारंपरिक खुदाई की आवश्यकता नहीं होती। यह भी पढ़ें