scriptmp election 2023: उद्योगों की राजधानी में रोजगार को तरसते हैं स्थानीय लोग | mp election 2023 singrauli, devsar, chitrangi vidhan sabha chunav | Patrika News
सिंगरौली

mp election 2023: उद्योगों की राजधानी में रोजगार को तरसते हैं स्थानीय लोग

ग्राउंड रिपोर्टः सिंगरौली, देवसर और चितरंगी विधानसभा क्षेत्र के लोगों ने बताई पत्रिका को अपनी समस्या…।

सिंगरौलीMay 22, 2023 / 06:41 pm

Manish Gite

singrauli.png

पत्रिका के जागो जनमत अभियान में अपना दर्द बयां करते लोग।

अजीत शुक्ला

तीन विधानसभा सीटों (सिंगरौली, देवसर और चितरंगी) में फैली मध्यप्रदेश की औद्योगिक नगरी, कोयले-बिजली के उत्पादन के लिए विख्यात, सोने की खदान और प्रदेश को दूसरा सर्वाधिक राजस्व देने वाले सिंगरौली के बाशिंदों की जिंदगी पांच साल में कितनी खुशहाल हुई है, यह देखने के लिए वैढऩ शहर से ही शुरुआत की। मुख्य बाजार आम्बेडकर चौक पर हार्डवेयर व्यापारी राजाराम केसरी का मन टटोला तो वे बोले, यहां न व्यापारियों की स्थिति बदली न बेरोजगारों की। कोयला और बिजली का भरपूर उत्पादन हो रहा है, पर शहर में लघु और मध्यम उद्योग का नामलेवा नहीं है।

 

बरगवां में 250 हेक्टेयर से अधिक जमीन चिह्नित कर वहां औद्योगिक क्षेत्र विकसित करने की योजना अभी तक केवल कागज तक सीमित है। औद्योगिक क्षेत्र तैयार हुआ होता तो उद्योगों का संचालन भी शुरू होता और युवाओं को रोजगार भी मिलता। इन्वेस्टर्स मीट में पूंजीपतियों के बीच साढ़े तीन सौ करोड़ के निवेश की सहमति बनने के एक वर्ष बाद भी सब कुछ हवा हवाई है।

 

 

https://www.dailymotion.com/embed/video/x8l4vl5

यहां से देवसर विधानसभा क्षेत्र में जाने के लिए बस में बैठा। जैसे ही बस हाईवे पर पहुंची हिचकोले शुरू हो गए। पास बैठे यात्री त्रिभुवन गोंड़ का दर्द झलक उठा। कहने लगे यहां हाईवे व हवाई अड्डे की बात खूब होती है पर इनकी दुर्दशा आज तक नहीं सुधरी। कलेक्ट्रेट में काम से आए थे। सुबह साढ़े 5 बजे ही घर (लंघाडोल) से निकले हैं। 75 किमी दूर पहुंचने में पांच घंटे लगते हैं। देवसर के आखिरी गांव, चितरंगी व सरई जैसे इलाके से मुख्यालय आने-जाने में पूरा दिन लग जाता है। वहां बस मालिक देवरी निवासी देवेंद्र कुमार दुबे बैठे थे। स्वयं का परिचय देते हुए बोल पड़े। रूट पर जब सवारी ही नहीं रहेगी तो क्या कोई नुकसान में बस चलाएगा। शासन-प्रशासन कोई व्यवस्था भी तो नहीं देता है। देवसर व चितरंगी विधानसभा की बात छोडि़ए, ये इलाके तो मुख्यालय से दूर हैं। यहां तो सिंगरौली विधानसभा क्षेत्र में ही सड़क ऐसी है कि महीने भर में बस रिपेयरिंग मांगने लगती है।

 

विस्थापन का दर्द

बरगवां में स्टेशन रोड के मोड़ पर कुछ लोग चाय की चुस्की ले रहे थे। वहां विकास पर चर्चा छेड़ी तो ट्रेन का इंतजार कर रहे डगा निवासी रमेश आदिवासी की जुबां पर विस्थापन का दर्द दिखा। कहा, यहां की संपन्नता केवल उन लोगों तक सीमित है, जो पहले से संपन्न हैं। कोयला कंपनियों के विस्थापन से सामान्य व्यक्ति परेशान है। उसे न तो उचित मुआवजा मिलता है और न पुनर्वास की सुविधा। पास ही खड़े पंकज तिवारी बोले-पूरी प्रक्रिया चंद पूंजीपतियों के मुताबिक चल रही है। सामान्य व्यक्ति की कोई सुनने वाला नहीं। विस्थापन प्रक्रिया में लखपति लोग करोड़पति बन गए। सामान्य व्यक्ति बर्बादी की कगार पर है। उसका घर उजाडऩे के बाद उसे ठीक से छत तक नहीं नसीब हो रही है। खनुआ नया की पुनर्वास कॉलोनियां ही देख लीजिए।

 

इंजीनियरिंग कर घर बैठे हैं

बस का सफर कर चितरंगी पहुंचे। खाद बीज की दुकान में कुछ युवा आपस में बात कर रहे थे। पत्रिका का नाम सुनते ही वे समस्याएं गनाने लगे। आलोक ने विकास और रोजगार के दावों को धोखा बताया। कहा, इंजीनियरिंग कर घर बैठे हैं। यहां खदान और पावर प्लांट में स्थानीय को कोई रोजगार नहीं। विकास केवल कहने व सुनने में अच्छा लगता है। बगदरा इलाके में करौंंदिया, खम्हरिया, बकिया व गोपला जैसे कई गांव उदाहरण हैं। इन गांवों में लोग पेयजल को तरस रहे हैं। ग्रामीण नदी-नालों का पानी प्रयोग करने को मजबूर हैं, जबकि नल-जल योजना में करोड़ों रुपए फूंक दिए गए। अब वहां टैंकर से पानी पहुंचाने की बात की जा रही है। बिजली, सड़क व लोक परिवहन का भी हाल कुछ ऐसा ही है।

यह भी पढ़ेंः

mp election 2023: मवेशियों ने छीन ली किसानों की रोटी, तराई में पानी का घोर संकट
mp election 2023 सेव, सोने और साड़ी के शहर में उद्योग विकसित नहीं होने का दर्द आज भी है
mp election 2023: बस्ती को नहीं मिला अमृत, बाड़े में कारोबार के रास्ते बाधित
mp election 2023: लोगों का दर्द, किला रोड को चमकाने के लिए हमारे घर तोड़ दिए
mp election 2023 – सड़कों से चलकर महंगाई आ रही है, नौकरी और बिजली नहीं
सबलगढ़-जौरा विधानसभा क्षेत्र: आदिवासी आज भी बेहाल, पीने का पानी सबसे बड़ा मुद्दा
mp election 2023: दो साल पहले हाईवे बनाया, पुल ही बनाना भूल गए
mp election 2023: खंभे और तार तो मिल गए, बिजली का अब भी है इंतजार
mp election 2023: ऐसा क्षेत्र जहां रोजगार का संकट, हर दिन पलायन की स्थिति
mp election 2023: भाऊ की एक ही मांग…। पांढुर्ना जिला बने तो समस्याओं का हो निदान
mp election 2023: गरोठ के अब तक जिला न बनने की टीस
mp election 2023: किसानों ने रोया दुखड़ा- पहले जहां थे, आज भी वहीं हैं
mp election 2023: लाड़ली बहनें प्रसन्न, किसानों को खुश होने का इंतजार
mp election 2023: विकास कितना भी करा लो, पर रोजगार बिन सब बेकार है
mp election 2023: ‘लाड़ली तो घणी हाउ है, पर परेशानी भी घणी है’
mp election 2023: बदहाल स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर गहरी टीस, बेरोजगारी पर भी कड़वे बोल

Hindi News / Singrauli / mp election 2023: उद्योगों की राजधानी में रोजगार को तरसते हैं स्थानीय लोग

ट्रेंडिंग वीडियो