मरीज रिपोर्ट तक नहीं दिखा पाते हैं। ऐसे में उपचार की आस में आए मरीजों को बिना उपचार के ही बैरंग जाना पड़ रहा है। अगले दिन रिपोर्ट दिखाने के लिए एक बार फिर उस पीड़ा से गुजरना पड़ता है। आश्चर्य की बात है कि चिकित्सा विभाग की ओर से हर साल अस्पताल में चिकित्सकों को लाखों रुपए का वेतन दिया जाता है इसके बावजूद लम्बे समय से हो रही इस अनदेखी से रोजाना औसतन पांच सौ से ज्यादा मरीज परेशान होते हैं। गौरतलब है कि एसके अस्पताल और एमसीएच विंग में रोजाना 2200 से ज्यादा मरीजों का आउटडोर रहता है।
रोजाना एक लाख का नुकसान
चिकित्सा विभाग का सबसे ज्यादा जोर मुख्यमंत्री निशुल्क जांच योजना को लेकर है। इसके बावजूद मरीजों को जांच के लिए निजी लैब में जाना पड़ता है। जहां औसतन एक लाख रुपए मरीजों की जेब से चले जाते हैं।
इसके अलावा जांच रिपोर्ट हाथो-हाथ नहीं मिलने से मरीज को सटीक इलाज नहीं मिलता है। ऐसे में मरीजों का रुझान घटता जा रहा है। एसके अस्पताल में रोजाना औसतन 150 से 175 एक्सरे और 40 से ज्यादा सोनोग्राफी की जाती है। अस्पताल में सोनोग्राफी मशीन और एक्सरे मशीन की क्षमता कम होने के कारण मरीजों की वेटिंग बढ़ जाती है।
अलग से ग्राम पंचायत
सीकर. आंतरी गांव को ग्राम पंचायत बनाने की मांग बुलंद होने लगी है। इस संबंध में गुरुवार को ताखरों की ढाणी, आंतरी, महला की ढाणी व कुंडलपुर के ग्रामीणों ने जिला कलक्टर को ज्ञापन दिया है। ज्ञापन में बताया गया है कि वर्तमान ग्राम पंचायत मुख्यालय बिड़ोली की इन गांवों से दूरी 13 से 15 किलोमीटर है। आंतरी गांव की आबादी भी ज्यादा है तथा ताखरों की ढाणी, आंतरी, महला की ढाणी व कुंडलपुर में आबादी का ज्यादातर हिस्सा निवास करता है। आंतरी में माध्यमिक विद्यालय तथा हर्ष पर्वत जैसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल भी है। इसलिए गांव के विकास के लिए इसे बिड़ोली से अगल कर ग्राम पंचायत का दर्जा दिया जाए।