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सीकर

इंटरनेशनल खिलाड़ी देवेन्द्र झाझडिय़ा व कृष्णा पूनिया की इस बात से हम सबको लेनी चाहिए सीख

वहीं नामी खिलाडिय़ों ने कहा कि जब दुनिया के अन्य देशों को हम सभी क्षेत्रों में मात दे रहे हैं तो अब हम सभी को मिलकर स्वच्छता के मामले में भी देश को आगे

सीकरOct 01, 2017 / 06:31 pm

vishwanath saini

player of rajasthan
सीकर. स्वच्छता के दम हम सब मिलकर देश और समाज की तस्वीर बदल सकते हैं। लेकिन इसके लिए सरकार के साथ आमजन को भी मिलकर कदमताल करनी होगी। स्वच्छता बढ़ेगी तो बीमारी थमेगी। राजस्थान पत्रिका के स्वच्छता अभियान को लेकर शुक्रवार को प्रबुद्वजनों से बातचीत की गई। वहीं नामी खिलाडिय़ों ने कहा कि जब दुनिया के अन्य देशों को हम सभी क्षेत्रों में मात दे रहे हैं तो अब हम सभी को मिलकर स्वच्छता के मामले में भी देश को आगे ले जाना होगा।

देवेन्द्र झाझडिय़ा, पैरा ओलंपियन

व्यक्ति को स्वयं से शुरूआत करने की जरूरत है। स्वच्छता की शुरूआत अपने गांव की गली, मोहल्ले से करें। इसलिए लोगों को जोड़ें तभी अभियान सफल होगा। वे जब 2003 इंग्लैण्ड में खेलने गए थे। वहां के लोगों को कचरा सही जगह पर डालते देखा था। वे प्रत्येक गली को साफ सुथरा रखते थे। इस दौरान वहीं एक व्यक्ति ने कहा कि इस भावना को अपनाएं और लोगों को प्रेरित करें। उसके बाद से वे स्वयं भी स्वच्छता का पूरा ध्यान रखते हैं। उन्होंने कहा कि वे कभी भी कचरा नहीं फेंकते। जहां कचरा पात्र मिलता है उसी में डालते हैं।
कृष्णा पूनियां, अंतर्राष्ट्रीय एथलीट
गाय भी कभी गंदगी में नहीं बैठती। हमें उससे भी स्वच्छता की सीख लेनी चाहिए। स्कूलों में बच्चों को नैतिक शिक्षा में रोजाना सफाई का महत्व बताना जरूरी है। जिससे समाज में बदलाव आ सके। मगर आज हर कोई गंदगी गलियों में फैंक देता है। स्वच्छता के मुद्दे पर सरकारें कुछ नहीं कर सकती। इसके लिए हर आदमी को जागरूक होना पड़ेगा। जिस तरह पत्रिका आमजन को स्वच्छता के प्रति जागरूक कर रहा है। शहर व गांवों में आमजन को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने में मैं हर संभव सहयोग के लिए हमेशा तैयार हूं। स्वच्छता के पूरे प्रयास होंगे, विश्वास है।
रमेश जोशी साहित्यकार
जीवन शैली में स्वच्छता को अपनाएं…
सफाई का मतलब अपने घर और उसके सामने तक नहीं होता है। सडक़ पार्क या किसी का खाली भूखंड सार्वजनिक कचरा पात्र नहीं हैं। सफाई रखना कोई कठिन काम नहीं है। स्वच्छता का मिशन तभी सार्थक होगा जब हम सफाई को अपनी जीवन शैली और आचरण में शामिल करें। आत्मानुशासित और सामाजिक समझ वाले रखकर अभियान को अंजाम तक पहुंचाया जा सकता है।

राजकुमार जोशी, अध्यक्ष, प्रदेश उपाध्यक्ष, राजस्थान गौड़ ब्राह्मण महासभा
ध्यान देने की जरूरत
केन्द्र सरकार की प्राथमिकता वाले कार्यक्रम स्वच्छ भारत के लिए नगर परिषद को विशेष ध्यान देने की जरूरत है। दीपावली त्योहार को देखते हुए परिषद को दोनों समय सफाई के लिए प्रबंध करना चाहिए।
रतन सिंह पिलानियां

अध्यक्ष, अखिल भारतवर्षीय जाट महासभा
समझें अपना धर्म-कर्म
गली मोहल्लों में स्वच्छता बनाए रखने के लिए आमजन को सफाई व्यवस्था को बोझ नहीं अपना धर्म और कर्म समझना चाहिए। नगर परिषद या सरकार पर आश्रित रहने की बजाए प्रत्येक परिवार इसे अपनी जिम्मेदारी समझे।

असलम फारुकी
अध्यक्ष, सीरते पाक कमेटी सीकर
स्वच्छता से बदलेगी सूरत
वातावरण शुद्ध होता है तो इंसान का तन व मन दोनो प्रभावित होते हैं। स्वच्छ भारत अभियान के तहत हमें सफाई कर्मचारियेां पर ही निर्भर नहीं रहना चाहिए। खुद लोग कचरा पात्र का इस्तेमाल करेंगे तो क्षेत्र की रौनक ही बदल जाएगी।
राम सिंह पिपराली
अध्यक्ष, श्रीराजपूत सभा जिला सीकर
जिम्मेदारी समझनी होगी
झाूडू लेकर फोटो खिंचवाने से स्वच्छता अभियान को सफल नहीं बनाया जा सकता है। आमजन आगे आए तो ही अभियान सही मायने में सफल होगा। घरों में कचरा पात्र लगा मिशन को आगे बढ़ाना चाहिए।

पवन मोदी
जिलाध्यक्ष, वैश्य समाज, सीकर
अभियान से जागरुकता
देशव्यापी अभियान के कारण लोगों में स्वच्छता के प्रति जागरुकता आई है प्रत्येक नागरिक स्वच्छता को बनाए रखने के लिए आगे आया है। मिशन के कारण ही जिम्मेदारी आई है। महिलाओं को सम्मान का दर्जा हासिल हुआ है।

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