फतेहपुर के कृषि अनुसंधान केंद्र पर कृषि वैज्ञानिकों की ओर से लम्बे समय तक एक पेड़ पर किए गए अनुसंधान के बाद अंजन नामक पेड़ को किसानों के लिए उपयोगी माना गया है।
Must read: भैया ! मरीज कितना भी सीरियस क्यों ना हो, आपको रिपोर्ट तो कल ही मिलेगी…, शेखावाटी के सबसे बड़े अस्पताल मेें जान पर भारी पड़ रही रिपोर्ट.. वानस्पतिक नाम हार्डविकिया बायनेश पेड़ लिम्यू मिनोसी कुल का बहु उपयोगी पेड़ है, जिसकी पत्तियां चौपाए जानवरों के लिए चारे का काम करती है। केंद्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ.
धर्मेन्द्र त्रिपाठी ने बताया कि इस पेड़ के तने से फर्नीचर, गृह निर्माण कार्य सहित अन्य कामों में इसकी लकडिय़ों का उपयोग कारगर है। डॉ. त्रिपाठी के अनुसार यह पेड़ शुष्क जलवायु में ४८ डिग्री तापमान से लेकर माइनस पांच डिग्री तापमान तक सहन कर सकता है। साथ ही खेत के पास एक सूक्ष्म वातावरण बना कर फसलों को गर्मी एवं अत्यधिक सर्दी में बचाव करने में कारगर साबित होता है।
इस पेड़ को खेत के किनारे मेड़ों पर ३-३ मीटर की दूरी पर लगाकर वायुरोधी पट्टियों के रूप में उपयोगी बनाया जा सकता है। अंजन पेड़ के लगाने से गर्म एवं ठण्डी हवाओं से फसलों को होने वाले नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है। यह पेड़ ५ वर्षो में पूर्ण रुप से तैयार हो जाता है जो १५ से २० वर्षों में अधिकतम ९ मीटर ऊंचा हो सकता है। इसकी पत्तियां मिट्टी में सड़कर हुमस का निर्माण करती है जो मृदा कार्बन की मात्रा को बढाने का कार्य करती है।