यह है कारण
शहर के राजकीय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों में नियमों के अनुसार जमीन उपलब्ध नहीं है। जिले में माध्यमिक स्तर पर क्रिकेट, हॉकी, फुटबाल, वॉलीबॉल जैसे खेल शामिल हैं। इनके लिए बड़े मैदान की जरूरत होती है। जो शहर के विद्यालयों में नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि शहर के आसपास भी इतनी सरकारी जमीन नहीं मिल रही। ऐसे में स्पोट्र्स स्कूल का प्रस्ताव अटका हुआ है।
जिले की खेल प्रतिभाओं ने हाल में राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बनाई है। बॉस्केटबॉल व एथलेटिक्स में जिले की प्रतिभाओं ने देश का प्रतिनिधित्व किया और पदक भी जीते हैं। ऐसे में इन प्रतिभाओं को जिला मुख्यालय पर खेल सुविधाएं मिल जाती हैं तो और भी हुनर दिखा सकती हैं।
स्कूल के लिए कम से कम पच्चीस बीघा जमीन की जरूरत होगी। इसमें चार सौ मीटर का ट्रेक बनेगा तथा हॉकी, क्रिकेट, फुटबाल आदि खेल मैदान बनने हैं। इसके साथ ही इंडोर स्टेडियम, बास्केटबॉल, कबड्डी सहित अन्य खेल सुविधाएं भी होंगी। माध्यमिक शिक्षा में शामिल 18 खेलों को इसमें शामिल किया गया है।
इन खेलों के अनुरूप खेल मैदान व अन्य सुविधाओं का विस्तार प्रस्तावित स्पोट्र्स स्कूल में होना है। स्पोट्र्स स्कूल में कम्प्यूटर लेब, जनरेटर और विद्युत व्यवस्था भी शामिल हैं।
सुराज संकल्प 2013 की घोषणा को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशक बीकानेर ने जून 2016 में प्रदेश के सभी जिला शिक्षा अधिकारियों से स्पोट्र्स स्कूल के लिए प्रस्ताव मांगे थे। शिक्षा अधिकारियों को 15 दिन में एक स्कूल का चयन करना था। विभाग ने आदेश की पालना को लेकर जिला मुख्यालय के राजकीय उच्च माध्यमिक एवं माध्यमिक विद्यालयों में सर्वे किया, लेकिन निदेशालय की ओर से दिए गए निर्देशों के अनुसार शहर में कोई विद्यालय नहीं मिल पाया। ऐसे में यह महत्ती योजना कागजों में दफन होकर रह गई है।