विपरीत हालात में छोटे से गांव चौमूं पुरोहितान से अंतरराष्ट्रीय स्तर का सफर करने वाली सरोज पीपलोदा बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान की सीकर जिले की ब्रांड अम्बेसडर भी है। सरोज ने बताया कि वह भारतीय अंडर 19 वॉलीबाल टीम की खिलाड़ी रह चुकी। शुरुआत उसने चौमूं पुरोहितान के रामावि की वॉलीबाल एकेडमी से की। सरोज पांच बार राजस्थान टीम की कप्तान रह चुकी है। उसने बताया कि खिलाडिय़ों को सिर्फ 30 हजार की सहायता दी जा रही है। वह भी समय पर नहीं देने से ऊंट के मुंह मे जीरे के समान है।
बेटियां किसी से कम नहीं
श्रीमाधोपुर. किसी कार्य को अगर सही वक्त पर सही ढंग से किया जाए तो सफलता मिलना तय है। बहुत सी प्रतिभाएं उचित अवसरों तथा साधनों के अभाव में दम तोड़ देती है। जब बेटियों को पूर्ण अवसर तथा साधन मिल जाते हैं तब वे दिखा देती है कि वे बेटों से किसी भी प्रकार से कम नहीं है। ऐसा ही कुछ साबित किया है श्रीमाधोपुर निवासी रोल बॉल की अंतराराष्ट्रीय खिलाड़ी रिंकू सोनी ने।
रिंकू ने दो अंतरराष्ट्रीय तथा सात राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है। इस दौरान भारतीय टीम को एक स्वर्ण तथा एक रजत पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। रिंकू के दादा मक्खनलाल सोनी श्रीमाधोपुर के सर्राफा व्यवसायी हैं। इनके पिता का नाम निरंजन सोनी तथा माता का नाम मीना सोनी है। रोलबॉल में इसकी रूचि वर्ष 2011 से हुई।
इन्होंने वर्ष 2016 में इंटरनेशनल रोलबॉल फेडरेशन ऑफ इंडिया की तरफ से थाइलैंड में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आयोजित थर्ड साउथ एशियन रोल बॉल चैम्पियनशिप में रजत पदक प्राप्त किया। वर्ष 2017 के फरवरी माह में बांग्लादेश में आयोजित चौथे रोल बॉल वल्र्डकप में टीम की उपकप्तान रहकर भारत को वल्र्डकप जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस प्रतियोगिता के फाइनल मैच में भारत की टीम ने ईरान को 6-3 से शिकस्त दी जिसमे रिंकू ने दो गोल किए। इस सफलता पर उसे राज्यपाल भी सम्मानित कर चुके हैं।