वर्ष – मामले 2021: 270
2020: 128
2019: 169
2018: 158
2017: 158
(2021 में अब तक के मामले) जिन पर मॉनिटरिंग का जिम्मा, वे भी रिश्वतखोर
चिंताजनक बात यह है कि आमजन को राहत देने के लिए जिन पर ऑनलाइन कामकाज की मॉनिटरिंग का जिम्मा है, वे भी रिश्वत लेेते पकड़े गए हैं। इस साल ही 40 राजपत्रित अधिकारी ट्रैप हुए हैं। अगस्त के पहले सप्ताह में ही एसीबी की 8 कार्रवाई हो चुकी है। जुलाई 2021 में ट्रैप के 38 मामले हुए।
ाकेस 01: बिल में तीन बार ऑब्जेक्शन, फिर ली घूसअलवर जिले में सीडीपीओ प्रदीप कुमार गिलोटिया ने बकाया बिलों के भुगतान की एवज में 50 हजार रुपए रिश्वत ली। जबकि महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से स्वयं सहायता समूह व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के बिलों का भुगतान ऑनलाइन किया जा चुका है। सीडीपीओ ने बिल में तीन बार ऑब्जेक्शन लगाए।
पंचायतराज: 54
कार्मिक: 52
राजस्व: 52
पुलिस: 36
शिक्षा: 21
कृषि: 5
जल संसाधन: 11
चिकित्सा: 16
स्वायत्त शासन: 28
ऊर्जा: 14
आबकारी: 5
समाज कल्याण: 4
महिला एवं बाल विकास: 3
( जुलाई 2021 तक) काम की गारंटी देने में सबसे आगे, जमीनी हकीकत कुछ और
हकीकत: पिछले 12 महीने में 22 कार्रवाई हो चुकी है। ऑनलाइन व्यवस्था के बाद भी फरियादियों को टरकाया जा रहा है। आखिरकार वे भ्रष्टाचारियों को ट्रैप कराने पर मजबूर होता है।
हकीकत: बिजली कनेक्शन से लेकर बिलों में गलती सुधारने सहित अन्य मामलों में एक साल में 17 अधिकारी व कर्मचारी टै्रप हो चुके हैं।
3. पंचायतीराज: 10 से 45 दिन में भुगतान का दावापंचायतीराज विभाग की 11 योजनाओं में 10 से 45 दिन में भुगतान का दावा किया गया है। निविदा की राशि जमा कराने पर अधिकतम तीन दिन, अनुमति के मामलों में 30 दिन का प्रावधान है। विवाह पंजीयन के लिए सात दिन का समय तय है।
हकीकत: प्रदेश में एक साल में 29 मामलों में रिश्वत इस तरह के कार्यों के लिए ली गई। सीकर जिले में चार दिन पहले पूरी पंचायत ट्रेप हुई।
आमजन को राहत देने के लिए सरकार की ओर से कानून बनाए जाते हैं। लोकसेवा गांरटी अधिनियम हो या सम्पर्क पोर्टल, निश्चित तौर पर सरकार की अच्छी पहल है। लेकिन इनकी कमजोर मॉनिटरिंग की वजह से कुछ कार्मिक इसका गलत फायदा उठा लेते हैं। कई मामलों में फरियादियों को अपना काम निकलवाने के लिए भ्रष्टाचारियों की डिमांड भी पूरी करनी पड़ती है। एसीबी की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है। भविष्य में सुधार की उम्मीद करनी चाहिए।
जीएल कटारिया, सेवानिवृत्त आरएएस अधिकारी