हालांकि पिछली सरकार के समय रीट की वैद्यता को आजीवन कर दिया था, लेकिन नए के साथ पुराने अभ्यर्थियों को रीट का इंतजार है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती को लेकर अभी उलझन में है। इसलिए सरकार की ओर से रीट को लेकर अधिकारिक ऐलान नहीं किया जा रहा है। बेरोजगारों का कहना है कि सरकार की ओर से सत्ता में आते ही तर्क दिया गया कि राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड का पूरा सिस्टम बोर्ड परीक्षाओं के परिणाम में जुटा है। इसलिए बोर्ड परिणाम के बाद रीट के आयोजन को लेकर निर्णय किया जाएगा। बोर्ड अब फिर से परीक्षाओं की तैयारी में जुट गया, लेकिन अभी तक रीट को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका है।
खास: रीट प्रथम लेवल में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण
रीट प्रथम लेवल में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण भी मिलेगा। सरकार की ओर से पहले तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया गया था, लेकिन जब विरोध हुआ तो सरकार ने सफाई दी कि रीट प्रथम लेवल में ही आरक्षण दिया गया है।
बेरोजगार बोले कैसे करें तैयारी, सिलेबस में भी संशय
तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती की तैयारी में जुटे बेरोजगारों का कहना है कि अभी सिलेबस को लेकर भी संशय बना हुआ है। क्योंकि यदि कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से सरकार की ओर से यह परीक्षा कराई जाती है तो सिलेबस में बदलाव लगभग तय है। बेरोजगारों का कहना है कि सरकार को रीट की एजेंसी का ऐलान करना चाहिए, जिससे सिलेबस जारी हो सके।
डीपीसी की वजह से व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापक भर्ती अटकी
डीपीसी की वजह से व्याख्याता व वरिष्ठ अध्यापक भर्ती परीक्षा भी अटक गई है। बेरोजगारों का कहना है कि इस साल वरिष्ठ अध्यापक व व्याख्याता के 25 हजार पदों पर भर्ती होने की संभावना है, लेकिन विज्ञप्ति किसी की जारी नहीं हो सकी है।
इन उलझनों की वजह से अटक रही रीट
कौनसी एजेंसी से कराएं रीट: पिछली सरकार के समय रीट पेपर लीक हो गया था। ऐसे में सरकार की ओर से निर्णय नहीं लिया जा सका है कि रीट का आयोजन पुरानी एजेंसी राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड से कराया जाए या परीक्षा का जिम्मा कर्मचारी चयन बोर्ड को दिया जाए। एक या दो परीक्षा: रीट को लेकर सरकार की दूसरी उलझन यह है कि वह पिछली सरकार की ओर से तृतीय श्रेणी शिक्षक भर्ती के लिए दो परीक्षाएं कराए या फिर रीट के अंकों के आधार पर ही नौकरी दें। दोनों उलझनों का रास्ता निकालने के बाद ही रीट भर्ती का ऐलान हो सकेगा।
प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों के टोटे की वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभवित हो रही है। सरकार की ओर से इस साल बजट में एक लाख भर्तियों का ऐलान भी किया गया है। इसलिए सरकार को रीट को लेकर अपनी नीति स्पष्ट करनी चाहिए जिससे बेरोजगार अपनी तैयारी शुरू कर सकें।
- विकास कुमार बुरड़क, एक्सपर्ट, सीकर