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चूरू से रेलवे की 43 साल पुरानी यह सेवा होगी बंद होकर सीकर से होगी शुरू

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सीकरAug 11, 2018 / 06:08 pm

vishwanath saini

churu train news

churu railway station

चूरू. रेल सेवाओं के विस्तार की तरफ कदम बढ़ा रहे चूरू के लिए बुरी खबर है कि चार दिन बाद यानि 17 अगस्त 2018 से चूरू रेलवे डाक की पार्सल सेवा सीकर से संचालित होगी। इसके बाद यहां सिर्फ रजिस्ट्री व साधारण डाक सेवा का काम ही रह जाएगा। इसके लिए रेलवे ने आदेश जारी कर दिए हैं।

ऐसे में स्पीड पोस्ट के बाद अब पार्सल की डिलीवरी भी आमजन को करीब 48 घंटे देरी से मिलेगी। आदेशों के मुताबिक चूरू, झुंझुनूं व सवाईमाधोपुर की रेलवे पार्सल सेवा को 17 अगस्त से सीकर स्थानांतरित किया जाएगा।

ऐसे में चूरू आरएमएस में आने वाले पार्सल यहां से पहले सीकर भिजवाए जाएंगे। वहां से छंटनी होकर वापस चूरू आएंगे। यहां वापस छंटनी होकर गंतव्य स्थान पर भिजवाए जाएंगे। चूरू रेलवे डाक सेवा कार्यालय में वर्तमान में रोजाना करीब 300 के हिसाब से हर महीने नौ हजार से अधिक पार्सल आ रहे हैं।

इतने पार्सल पहले सीकर भेजे जाएंगे। जबकि वर्तमान में चूरू सहित आस-पास के क्षेत्र के पार्सल यहां से ही छंटनी कर भिजवाए जाने से समय व धन की बचत होती है। वर्तमान में यहां 20 कर्मचारी कार्यरत हैं।

गौरतलब है कि चूरू रेलवे डाक सेवा का शुभारंभ 43 साल पहले सन् 1975 में हुआ था। छह साल पहले स्पीड पोस्ट डाक सेवा की थी। स्थानांतरित छह साल पहले वर्ष 2011-12 में आरएमएस चूरू से स्पीड पोस्ट डाक सेवा आईसीएच सीकर में स्थानांतरित की गई थी।

इससे स्पीड पोस्ट भी 48 घंटे देरी से पहुंच रही है। झुंझुनूं जिले के बिसाऊ, टमकोर, अलसीसर-मलसीसर, सीकर के रामगढ़, बीकानेर के डूंगरगढ़, मोमासर, सूडसर के पिनकोड चूरू के होने से यहां के पार्सल व स्पीड पोस्ट डाक सीधे चूरू से भिजवाए जा सकते हैं।

नहीं बना पार्सल हब

10 लाख खर्च चूरू स्टेशन सीकर, हनुमानगढ़, बीकानेर, दिल्ली सहित अन्य क्षेत्रों का केंद्र होने के कारण करीब साल भर पहले रेलवे ने चूरू रेल डाक सेवा कार्यालय को पार्सल हब बनाने के आदेश जारी किए थे। उस समय यहां निर्माण सहित अन्य कार्यों पर 10 लाख रुपए खर्च किए गए थे। मगर आज तक इसे पार्सल हब बनाने की बजाय अब रेलवे पार्सल सेवा का काम सीकर आईसीएच में स्थानांतरित कर रहा है।

ये है घाटे का गणित

वर्तमान में चूरू रेल डाक सेवा कार्यालय से स्पीड पोस्ट या अन्य डाक रतनगढ़ भिजवाने के लिए 45 रुपए एक टिकट के हिसाब से तीन टिकट के 270 रुपए खर्च हो रहे हैं। जो महीने के छह हजार 750 व साल के 81 हजार रुपए होते हैं। इतना ही खर्चा सुजानगढ़ का सालाना हो रहा है। यानि दोनों को मिलाकर रेलवे को एक लाख 62 हजार रुपए खर्च करने पड़ रहे हैं।

इसी तरह चूरू से सीकर व सीकर से चूरू तक डाक के आदान-प्रदान के लिए ठेके की बस चल रही है। इसका खर्चा प्रति किलोमीटर 18 रुपए की दर से 1800 रुपए प्रतिदिन हो रहा है। जो महीने का 10 लाख 80 हजार व सालाना 12 लाख 96 हजार रुपए हो रहा है। दोनों को मिलाकर 14 लाख 58 हजार रुपए खर्चा हो रहा है। उक्त कार्य ट्रेन के माध्यम से करके ये खर्चा बचाया जा सकता है।

इनका कहना है …

चूरू आरएमएस से पहले स्पीड पोस्ट डाक सेवा का काम समाप्त किया गया। अब पार्सल सेवा भी सीकर स्थानांतरित की जा रही है। इससे वितरण में 48 घंटे की देरी हो रही है। जबकि ये काम चूरू में भी किया जा सकता है।
-सांवरमल स्वामी, सेवानिवृत रेलवे डाककर्मी, चूरू

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