नहीं होता किराएदारों का सत्यापन : बाहर से आकर यहां किराया का मकान लेकर रहने वाले लोगों के सत्यापन के लिए दोहरी व्यवस्था है। एक तो मकान मालिक पुलिस को सूचना दे और दूसरी व्यवस्था यह है कि बीट कांस्टेबल यहां रहने वाले लोगों की जानकारी अपनी बीट में रखे। लेकिन दोनों ही स्तर पर व्यवस्था कमजोर है। नियमानुसार बीट बुक की प्रत्येक माह ड्यूटी अधिकारी और उच्चाधिकारियों को जांच कर नोट डालना होता है, लेकिन अधिकारी भी मामले को लेकर गंभीर नहीं है। अधिकतर ने बीट बुक की जांच कर नोट डालना उचित ही नहीं समझा।
धर्मशालाओं पर पुलिस की कमजोर नजर शेखावाटी अंचल के बड़े धार्मिक स्थल खाटूश्यामजी और सालासर की सीकर जिले में डेढ़ सौ से अधिक धर्मशालाएं हैं। इन स्थानों पर प्रत्येक माह प्रदेश के विभिन्न जिलों के साथ हरियाणा और पंजाब के हजारों लोग भी आते हैं। दोनों ही स्थानों की धर्मशालाओं में पनाह लेकर यहां लूट की बड़ी वारदातों को भी अंजाम दिया है, लेकिन अभी तक दोनों ही स्थानों पर धर्मशालाओं में ठहरने वालों पुलिस की कड़ी नजर नहीं है।