READ : गैंगस्टर सुभाष बराल के सामने नहीं खोली उसके गुर्गों ने जुबान, अब ये करेगी पुलिस
इधर, केंद्रीय कारागृह बीकानेर के उपाधीक्षक द्वारा ओमा के जेल से बाहर आने की सूचना सीकर एसपी को भिजवा दी जाने पर पुलिस ने भी अपने खुफिया तंत्र को सक्रिय कर दिया है। गौर तलब है कि शेखावाटी में आनंदपाल गिरोह व राजू ठेहठ की गैंग सदा से एक दूसरे के खून की प्यासी रही है। जिसके तहत मौका मिलते ही दोनों एक दूसरे के सदस्यों पर फायरिंग की वारदात को अंजाम देने से नहीं चूक रहे हैं।
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार गैंगस्टर राजू ठेहठ का भाई ओमप्रकाश उर्फ ओमा उर्फ जीवन सिंह जो खुद हार्डकोर अपराधी है और पिछले कई महीनों से पासा बंदी के तौर पर केंद्रीय कारागृह बीकानेर में सजा काट रहा था। लेकिन, पासा सजा पूरी होने व इस कारागृह से संबंधित सभी प्रकरणों में जमानत व दोषमुक्त होने पर उसे मंगलवार को जेल से रिहा कर दिया गया है।
जेल से हार्डकोर अपराधी के छूटते ही जेल उपाधीक्षक ने भी इसकी सूचना तुरंत सीकर एसपी को भिजवाई गई। ताकि जिले में इसके प्रवेश होने के बाद इसकी आगामी गतिविधियों पर पुलिस द्वारा नजर रखी जा सके। केंद्रीय कारागृह से ओमा ठेहठ के रिहा होने की जानकारी उसके थाना क्षेत्र रानोली के एसएचओ को भी दी गई है। क्योंकि मुखबिरी के जरिए ही ओमा ठेहठ द्वारा उठाए जाने वाले आपराधिक कदम का सही पता लगाया जा सकेगा। हालांकि ओमा के रिहा होने के बाद रानोली पुलिस ने अपने गुप्तचरों का जाल बिछाना शुरू भी कर दिया गया है।
बीकानेर से सीकर तक अलर्ट
बीकानेर जेल से ओमा के रिहा होने पर पुलिस भी पूरे दिन अलर्ट रही। बीकानेर से सीकर जिले की सीमा तक लगने वाले थानों की पुलिस को सूचित किया गया था। विश्वनीय सूत्रों ने बताया कि ओमा को बीकानेर से लाने के लिए करीब 50 गाडियां वहां पहुंची बताई। जिनमें डेढ से दौ लोगों की संख्या शामिल थी। हालांकि सुरक्षा की दृष्टि से जेल के आस-पास भारी संख्या में पुलिस का जाब्ता तैनात रहा। राजू ठेहठ वर्तमान में जयपुर या भरतपुर की जेल में बंद है। लेकिन, ओमा के रिहा होने की सूचना उसके पास भी गुर्गों द्वारा भिजवा दी गई है।
जेल में पासा की कार्रवाई
जेल में रहने के दौरान ओमा ठेहठ पर पासा एक्ट की पहली कार्रवाई तत्कालीन पुलिस अधीक्षक डा. वीनित कुमार ने की थी। इसके बाद ओमा ने कोर्ट में जमानत की रिट भी लगाई। लेकिन, दोनों ही न्यायालयों ने इसकी जमानत खारिज कर दी थी।
आनंदपाल पर चलाई थी गोली
बीकानेर जेल में आनंदपाल के बंद रहने के दौरान ओमा ठेहठ अपने साथियों के साथ यहां तक पहुंचा था और उसने आनंदपाल को निपटाने के लिए गोली भी चलाई थी। लेकिन, हमले में आनंदपाल बच गया था। इस दौरान विश्वसनीय साथी बलबीर बानूड़ा मारा गया था। हालांकि इसके बाद जेल में ही आनंदपाल व उसके साथियों ने मिलकर राजू ठेहठ के करीबी रिश्तेदार सहित अन्य को बेरहमी से मार डाला था। आनंदपाल व राजू ठेहठ की गैंग एक दूसरे से बदला लेने की फिराक में हैं और कई बार आमने-सामने भी हो चुकी है।
पुलिस ओमा ठेहठ पर पूरी निगरानी रखेगी। इसके लिए संबंधित पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं।
– प्रदीप मोहन शर्मा, पुलिस अधीक्षक सीकर